बिहार के बोधगया में आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. इसके तहत बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर के पीछे मौजूद 4.34 एकड़ जमीन को पूरी तरह से जब्त कर लिया है. संबंधित जमीन पर आयकर विभाग ने नोटिस भी चिपका दिया है और इस स्थान के आसपास के इलाकों में इसे लेकर मुनादी भी करवाया गया, ताकि आसपास के लोगों को यह पता चल जाए कि यह जमीन अवैध है और इसे सरकार ने जब्त कर लिया है.
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जानकारी के मुताबिक, सरकारी स्तर पर इस जमीन की कीमत 17 करोड़ रुपये के करीब है. लेकिन इस जमीन का बाजार मूल्य एक अरब रुपये से भी अधिक बताया जा रहा है. इस जमीन को दलितों और भूमिहीनों को जीविकोपार्जन के लिए दिया गया था. बाद में थाइलैंड के एक किट्टी नवानी नाम के व्यक्ति ने इस जमीन को बुद्धिस्ट थाई सोसायटी के नाम पर फर्जी तरीके से 4.34 एकड़ जमीन को खरीद लिया था. जबकि यह पर्चा जमीन थी, जिसे न कोई खरीद सकता और न ही कोई बेच सकता था.
जब आयकर विभाग ने इसकी जांच की तो आरोपी किट्टी नवानी पूछताछ में संपत्ति खरीदने के लिए आमदनी के स्रोत की जानकारी नहीं दे सका. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए आयकर विभाग की टीम ने बेनामी संपत्ति कानून के तहत कार्रवाई करते हुए संबंधित 4.34 एकड़ जमीन पर जब्ती का नोटिस चिपका दिया. हालांकि आरोपी किट्टी नवानी कानूनी शिकंजे से अभी तक फरार है. गया सिविल कोर्ट ने हाल ही में उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी था.
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इससे पहले भी सरकारी जमीन को निजी बताकर बेचे जाने के कई मामले आ चुके हैं. इनमें रजिस्ट्री ऑफिस और अंचल के कर्मचारियों की मिलीभगत भी उजागर हो चुकी है. अब इस जमीन के जब्ती से बोधगया के भू-माफियाओं में हड़कंप मच गया. क्योंकि यहां पर फर्जी सोसायटी और एनजीओ के नाम पर पर्चा जमीनों की अवैध खरीद-फरोख्त करने वाले माफियाओं की संख्या काफी है.
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