पागल कुत्ते ने मचाया शहर व गांव में आतंक, लोगों ने प्रशासन से लगाई गुहार
शुक्रवार को बरबीघा प्रखंड के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में पागल कुत्ते का आतंक छाया रहा. एक पागल कुत्ते ने करीब 12 से अधिक लोगों को काटकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया.
पागल कुत्ते ने मचाया शहर व गांव में आतंक( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
शुक्रवार को बरबीघा प्रखंड के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में पागल कुत्ते का आतंक छाया रहा. एक पागल कुत्ते ने करीब 12 से अधिक लोगों को काटकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया. इस घटना में 6 वर्षीय बच्चे और एक 10 वर्षीय बच्ची की जान बाल-बाल बच गई. दोपहर में कुत्ते काटने का सिलसिला शुरू हुआ, जो देर शाम तक चलता रहा. इस संबंध में पीड़ित उमेश यादव, रुदल सिंह, उषा देवी आदि ने बताया कि सबसे पहले कुत्ते ने नगर क्षेत्र के बलवापर गांव में तीन लोगों को काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया. वहां से जब लोगों ने कुत्ते को मारने के लिए पीछा किया, तब वह भागते हुए बरबीघा शहर जा घुसा. इस दरमियान खेतलपूरा गांव में एक बच्चे को और फिर बरबीघा नगर के विभिन्न मोहल्ले में 6 लोगों को काट कर घायल कर दिया.
शहर में कुत्ते का आतंक शहर में जब लोगों ने कुत्ते को मारने का प्रयास किया, तब वह फिर से गांव की तरफ भाग निकला. इस बार तोयगढ़, जगदीशपुर आदि गांव में घुस गया और कई लोगों को काट कर घायल कर दिया. सभी घायलों को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल बरबीघा में भर्ती कराया गया. कुत्ते काटने वाले मरीजों की इलाज के दौरान अस्पताल में काफी देर तक अफरा तफरी मची रही. इलाज कर रहे डॉक्टर आनंद कुमार ने बताया कि हर आधे घंटे पर एक दो मरीज पहुंच रहे थे. घटना में घायल बलवापर गांव निवासी गुड्डू कुमार और बरबीघा नगर क्षेत्र के पुरानी शहर मोहल्ला निवासी विजय शंकर गुप्ता को हायर सेंटर रेफर किया गया है.
पूर्व में भी कई बार कुत्ते ने मचाया है आतंक बरबीघा शहर के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जिस पागल कुत्ते ने शुक्रवार को आतंक मचाया, उसी कुत्ते के द्वारा दो सप्ताह पहले भी कई लोगों को काटा गया था. घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, लेकिन उस समय भी प्रशासन ने किसी प्रकार का कोई कदम नहीं उठाया. जिस वजह से शुक्रवार को बड़ी घटना घट गई. लोग अब उस पागल कुत्ते को मारने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं.
सभी मरीजों को दी गई हिदायत पागल कुत्ते के काटने से घायल हुए सभी लोगों को रेफरल अस्पताल बरबीघा में एंटी रेबीज का इंजेक्शन दिया गया. इलाज कर रहे डॉक्टर आनंद कुमार ने बताया किसी भी कुत्ते का नाखून आदमी के शरीर में गढ़ने पर उसे एंटी रेबीज की सुई देना आवश्यक हो जाता है. वहीं, रेफर किए गए मरीजों के बारे में उन्होंने बताया कि कुत्ते के हमले में दोनों मरीज गंभीर रूप से घायल हो गए. चिकित्सा पद्धति के अनुसार पागल कुत्ते के काटने के बाद टांका देने के लिए मना किया जाता है. टांका देने के बाद शरीर में वायरस फैलने का खतरा काफी बढ़ जाता है. इसलिए एहतियात के तौर पर मरीज को किसी स्पेशलिस्ट सर्जन से ही दिखाना चाहिए. रेफरल अस्पताल बरबीघा में सर्जन नहीं रहने के कारण गंभीर रूप से घायल मरीजों को रेफर किया गया है.