Bihar News: स्वास्थ्य विभाग का देखिए हाल, डॉक्टर का एक वीडियो तेजी से हो रहा वायरल
अनुमंडलीय अस्पताल वीरपुर का ये पूरा मामला है. जहां गुरुवार को ओपीडी के समय जब सैकड़ो की संख्या में मरीज डॉक्टर से इलाज के लिए लाइन में इंतजार कर रहे थे.
highlights
- दवा बेचने के लिए कर रहे थे बातचीत
- वीडियो हुआ वायरल
- लोगों ने कहा अस्पताल में नहीं मिलती दवा
Supaul:
यूं तो बिहार का स्वास्थ्य महकमा लापरवाही की वजह से अक्सर सुर्खियों में बना रहता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और कर्मियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है. डॉक्टर हैं कि अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं. वहीं, इसका खामियाजा आम मरीजों को भुगतना पड़ता है. ताजा मामला बिहार के सुपौल जिले से सामने आया है. जहां अनुमंडलीय अस्पताल वीरपुर में डॉक्टर का धमकी देने वाला वीडियो कैमरे पर देखने को मिल रहा है. जो की सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
दवा बेचने के लिए कर रहे थे बातचीत
दरअसल, अनुमंडलीय अस्पताल वीरपुर का ये पूरा मामला है. जहां गुरुवार को ओपीडी के समय जब सैकड़ो की संख्या में मरीज डॉक्टर से इलाज के लिए लाइन में इंतजार कर रहे थे. उसी वक्त डॉक्टर साहब बाहरी दवा कंपनी के एमआर से दवा बेचने के लिए घंटों बात करने में व्यस्त थे. लिहाजा ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे मरीज डॉक्टर साहब के फ्री होने तक इंतजार करते रहे. एक घंटे तक कतार में खड़े मरीज परेशान थे. वहीं, इस संबंध में जब ओपीडी में मौजूद डॉक्टर प्रीतम कुमार से पूछा गया तो उन्होंने अपना आपा खो दिया और भड़क उठे. इस बीच लोगों ने इसका वीडियो बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
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वीडियो हुआ वायरल
वायरल वीडियो में डॉक्टर साहब कैमरे पर ही धमकी देने लगे. हिम्मत इतनी कि ये भी कह दिया कि मुझे किसी से डर नहीं लगता, जो उखाड़ना है उखाड़ लो. अब ऐसी स्थिति में जहां अस्पताल में गरीब तबके के मरीज इलाज करवाने पहुंचते हैं, तो उनका इलाज कितना होता है और डॉक्टर साहब मरीज के साथ कितना सुंदर व्यवहार करते हैं. यह तस्वीर देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
लोगों ने कहा अस्पताल में नहीं मिलती दवा
बहरहाल, अनुमंडलीय अस्पताल वीरपुर में हृदयनगर पंचायत के सीतापुर और अररिया जिले के बबुआन से प्रसव के लिए आई महिलाओं के परिजनों ने डॉक्टर के इस व्यवहार का विरोध किया, लेकिन डॉक्टर साहब को रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ा क्योंकि सवाल दवा कंपनी से मोटी कमीशन का था. वहीं, मरीजों के परिजनों ने बताया कि प्रसव के लिए हम अस्पताल आए थे, लेकिन अस्पताल से जो भी दवा लिखी गई है. उसमें एक भी दवा अस्पताल में नहीं मिली. लिहाजा मजबूरन सभी दवा बाहर से लाने को कहा गया. इधर, सिविल सर्जन डॉ ललन कुमार ठाकुर ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. चिकित्सा पदाधिकारी से आवश्यक पूछताछ की जाएगी. जांच कर उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
रिपोर्ट - केशव कुमार
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