बिहार में BJP-JDU की बनी बात, क्या NDA में 'All Is Well' रहने देंगे अब पासवान और कुशवाहा ?

बिहार में बीजेपी-जेडीयू के बीच मचा घमासान शांत हो गया है. सीट शेयरिंग फार्मूला पर बात बनने के बाद जेडीयू के नेताओं का मुंह तो बंद हो जाएगा, लेकिन सवाल यह है कि एनडीए में शामिल बाकी पार्टियों का क्या?

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
बिहार में BJP-JDU की बनी बात, क्या NDA में 'All Is Well' रहने देंगे अब पासवान और कुशवाहा ?

बिहार में बीजेपी-जेडीयू (bjp-jdu) के बीच मचा घमासान शांत हो गया है. सीट शेयरिंग फार्मूला पर बात बनने के बाद जेडीयू के नेताओं का मुंह तो बंद हो जाएगा, लेकिन सवाल यह है कि एनडीए में शामिल बाकी पार्टियों का क्या? हालांकि बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने कहा है कि रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा हमारे साथ हैं. 

Advertisment

लेकिन क्या बिहार के सियासी समीकरण में ये इतना आसान होगा? बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि जेडीयू और बीजेपी दोनों बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन सभी घटक दलों को कम सीटों पर चुनाव लड़नी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि जब नई पार्टियां शामिल होती है तो इसका असर पड़ता ही है.

और पढ़ें : लोकसभा चुनाव 2019 में बराबर सीटों पर लड़ेगी बीजेपी और जेडीयू, नीतीश की मौजूदगी में शाह का ऐलान

सवाल यह है कि लोकसभा के 40 सीटों में से कितने पर बीजेपी लड़ेगी और कितने पर जेडीयू. बाकि पार्टियों को कितनी सीट मिलेगी. अगर जेडीयू और बीजेपी 15-15 सीटों पर चुनाव लड़ती है. तो बचती है 10 सीटें. जिसे रामविलास की पार्टी एलजेपी (लोकजनशक्ति पार्टी) और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) को देना है. अगर दोनों को बीजेपी 5-5 सीट देती है तो क्या एलजेपी इसे मान लेगी. रामविलास पासवान ने पहले ही बता दिया है कि वो 7 से कम सीटों पर समझौता नहीं करेंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें लोकसभा की 40 सीटों में से बीजेपी 17, जेडीयू 17, रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी 4 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएसएलपी 2 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.

अगर बीजेपी-जेडीयू के तय फार्मूला में एलजेपी (LJP) और आरएलएसपी (RLSP) की सहमति है तब तो एनडीए (NDA) में सबकुछ ठीक होगा, लेकिन अगर बिना इनके ये फार्मूला तय किया गया होगा तो घमासान मचना तय है.

बता दें कि 2014 में बीजेपी का साथ जेडीयू ने छोड़ दिया था, लेकिन एलजेपी और आरएसलएसपी उनके साथ खड़े थे. ऐसे में उनकी वफादारी का ईनाम बीजेपी नहीं देती है तो फिर बिहार एनडीए का चेहरा बदल सकता है.

पिछली बार बीजेपी 30, एलजेपी 7 और आरएसएलपी ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इनमें बीजेपी ने 22, एलजेपी ने 6 और आरएसएलपी ने तीन सीटें जीती थीं. वहीं एनडीए से अलग होकर जेडीयू ने जब चुनाव लड़ा था तो उसे महज 2 सीट मिली थी. इसके बावजूद जेडीयू ने आधे से ज्यादा सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की है.

कुल मिलाकर अमित शाह और नीतीश कुमार ने मिलकर सीट बंटवारे का फार्मूला तय तो कर लिया, लेकिन एलजेपी और आरएलएसपी इससे कितना इत्तेफाक रखती है दो से तीन दिनों में ये साफ हो जाएगा. क्योंकि अमित शाह ने कहा है कि दो से तीन दिनों में नंबर की घोषणा कर दी जाएगी और इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा और रामविलास पासवान भी साथ होंगे.

और पढ़ें : प्रशांत किशोर बने JDU के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, नीतीश कुमार ने दी अहम जिम्मेदारी

लेकिन ये तो साफ हो गया है कि बीजेपी और जेडीयू के बीच जो समीकरण बनी है उसमें एलजेपी और आरएलएसपी नहीं शामिल थे. क्योंकि शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार दिल्ली पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इसके बाद नीतीश कुमार ने अपने नेताओं के साथ बैठक की और उसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचे. यानी इस तय फार्मूले में बीजेपी और जेडीयू के साथ अन्य घटक दल नहीं मौजूद थे.

आरएलएसपी और एलजेपी दोनों को इंतजार है कि उनके लिए बीजेपी ने कितनी सीट तय की है. अगर पासवान और कुशवाहा की मांग की अनदेखी करके यह फैसला लिया गया है तो बिहार में सियासी घमासान मचना तय है. जिसका फायदा आरजेडी उठाने की पूरी कोशिश करेगी.

Source : Nitu Kumari

loksabha election 2019 Upendra Kushwaha JDU BJP Narendra Modi bihar-election Nitish Kumar Ramvilas Paswan ljp NDA amit shah RLSP Tashavi Yadav
      
Advertisment