देश में कल से लागू होगी आचार संहिता, आम लोगों के जीवन में क्या होगा असर, जानें सबकुछ
लोकसभा चुनाव 2024 का इंतजार अब खत्म हो गया है. चुनाव आयोग ने 16 मार्च को चुनाव कार्यक्रम जारी करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही चुनाव आयोग आंध्र प्रदेश, ओडिशा समेत 4 राज्यों की चुनाव तारीखों का भी ऐलान करेगा.
highlights
- लोकसभा चुनाव का खत्म हुआ इंतजार
- देश में कल से लागू होगी आचार संहिता
- कई राज्यों के इलेक्शन भी हैं साथ
Patna:
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 का इंतजार अब खत्म हो गया है. चुनाव आयोग ने 16 मार्च को चुनाव कार्यक्रम जारी करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही चुनाव आयोग आंध्र प्रदेश, ओडिशा समेत 4 राज्यों की चुनाव तारीखों का भी ऐलान करेगा. बता दें कि चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही पूरे देश में आचार संहिता लागू हो जाएगी, इसके बाद सरकारें नई घोषणाएं नहीं कर सकेंगी. हालांकि, पहले से चल रहे विकास कार्य पूरे हो जाएंगे, जिसके बाद आचार संहिता लागू होते ही राजनीतिक दलों को कई प्रतिबंधों का पालन करना होगा. बता दें कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बताया है कि, ''राज्य विधानसभा चुनावों की तारीखों का भी ऐलान कल किया जाएगा.''
आपको बता दें कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के लिए 11 अप्रैल से 19 मई के बीच 7 चरणों में चुनाव हुए थे. चुनाव के नतीजे 23 मई को घोषित किये गये. वहीं उस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें जीती थीं. बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 353 सीटें जीती थीं. कांग्रेस पार्टी केवल 52 सीटें जीत सकी थी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को कुल 92 सीटें मिली थीं.
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जानें क्या होते हैं प्रावधान ?
आपको बता दें कि आचार संहिता लागू होते ही चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए सामान्य आचरण से लेकर सभा, जूलूस, मतदान, पोलिंग बूथ, ऑब्जर्वर और घोषणा पत्र को लेकर नियम-कायदे तय कर दिए हैं.
राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए बनाए गए हैं ये नियम
- विभिन्न जातियों और समुदायों के बीच मतभेद या नफरत को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल न हों.
- नीतियों और कार्यों की आलोचना करें, किसी दल, साथ ही नेता या कार्यकर्ता के निजी जीवन पर टिप्पणी न करें
- किसी भी जाति या संप्रदाय की भावनाओं का शोषण करके वोट डालने की अपील न करें.
- मंदिर, मस्जिद या पूजा के किसी अन्य स्थान का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए न हो.
- मतदाताओं को रिश्वत देना, उन्हें डराना धमकाना, मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी के भीतर प्रचार-प्रसार करना आपराधिक गतिविधि मानी जाएगी.
- मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार, सार्वजनिक सभाएं सभी पर प्रतिबंध लागू हो जाता है.
- राजनीतिक दल या किसी उम्मीदवार के घर के सामने विरोध प्रदर्शन और धरना न किया जाए.
- नेता अपने समर्थकों को किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी भूमि, भवन, परिसर की दीवारों आदि पर झंडा लगाने, बैनर लटकाने, सूचना चिपकाने और नारा लिखने की अनुमति नहीं दे सकते.
- राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक दूसरे दलों की बैठकों और जुलूसों में बाधा न खड़ी करें, न ही उन्हें भंग करने का प्रयास करें.
- किसी दल की ओर से उन स्थानों के आसपास जुलूस न निकाला जाए, जहां दूसरे दलो की बैठक चल रही हो. एक दल के लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ताओं की ओर से हटाए न जाएं.
सभा/रैली और राजनीतिक बैठकों के लिए ये है नियम
- पुलिस अधिकारियों को सभी रैलियों के स्थान और स्थान के बारे में पूर्व सूचना दी जानी चाहिए।
- राजनीतिक दलों और नेताओं को पहले ही यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि जिस स्थान पर वे सभा करने जा रहे हैं, वहां पहले से ही कोई प्रतिबंध नहीं है.
- साथ ही सभा में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए पहले से अनुमति लें.
- सभा के आयोजक किसी अप्रत्याशित घटना से बचने के लिए पुलिस की सहायता लें.
- जुलूस के लिए ये है नियम
- जुलूस से पहले उसके शुरू होने का समय, रूट और खत्म होने का समय और स्थान की पूर्व सूचना पुलिस को देनी होगी.
- पहले ही पता कर लें कि जिस क्षेत्र से आप जुलूस निकाल रहे हैं, वहां कोई प्रतिबंध है या नहीं.
- जुलूस का प्रबंधन ऐसे करें कि यातायात प्रभावित न हो.
- एक से ज्यादा राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते पर जुलूस का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले ही बात कर लें.
- जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए.
- जुलूस के दौरान हथियार और अन्य नुक्सान पहुंचाने वाली सामग्री लेकर न चलें.
- ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का कड़ाई से अनुपालन किया जाए.
- आचार संहिता लागू होने के साथ ही कई नियम होते हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है और नियम तोड़ने वालों के लिए सजा का भी प्रावधान है। आचार संहिता के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है, जो कई प्रकार की हो सकती है तो नियम न टूटें या फिर नियम तोड़ने वालों की जानकारी सही विभाग तक पहुंचाई जा सके, इसके लिए आइए जानते हैं क्या हैं आचार संहिता के नियम.
आचार संहिता के महत्वपूर्ण नियम
- सार्वजनिक उद्घाटन, शिलान्यास बंद.
- नए कामों की स्वीकृति बंद होगी.
- सरकार की उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स नहीं लगेंगे.
- संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में नहीं होंगे शासकीय दौरे.
- सरकारी वाहनों में नहीं लगेंगे सायरन.
- सरकार की उपलब्धियों वाले लगे हुए होर्डिंग्स हटाए जाएंगे.
- सरकारी भवनों में पीएम, सीएम, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो निषेध रहेंगे.
- सरकार की उपलब्धियों वाले प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया में विज्ञापन नहीं दे सकेंगे.
- किसी तरह के रिश्वत या प्रलोभन से बचें. ना दें, ना लें.
- सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर खास खयाल रखें. आपकी एक पोस्ट आपको जेल भेजने के लिए काफी है. इसलिए किसी तरह मैसेज को शेयर करने या लिखने से पहले आचार संहिता के नियमों को ध्यान से पढ़ लें.
आम आदमी पर भी लागू होता है आचार संहिता के नियम
आपको बता दें कि अगर कोई भी आम आदमी इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ आचार संहिता के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसका मतलब यह है कि अगर आप अपने किसी नेता के लिए चुनाव प्रचार में लगे हैं तो भी आपको इन नियमों की जानकारी होनी चाहिए. अगर कोई राजनेता आपसे इन नियमों के बाहर काम करने के लिए कहता है तो आप उसे आचार संहिता के बारे में बताकर ऐसा करने से मना कर सकते हैं क्योंकि ऐसा करते पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. वहीं ज्यादातर मामलों में आपको हिरासत में लिया जा सकता है.
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