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मानसूनी बीमारी की चपेट में लोग, झोलाछाप डॉक्टरों से रहे सावधान

लोहरदगा में मानसूनी बीमारी का असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. लोहरदगा सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों में 60 से 70% मानसूनी बीमारी की चपेट में रहते हैं.

Updated on: 26 Aug 2022, 11:23 AM

Lohardaga:

लोहरदगा में मानसूनी बीमारी का असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. लोहरदगा सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों में 60 से 70% मानसूनी बीमारी की चपेट में रहते हैं. इस संदर्भ में लोहरदगा सदर अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि लोग वर्तमान समय में अपनी लापरवाही की वजह से बीमार हो रहे हैं. मौसम के विपरीत व्यवहार करने की वजह से यह समस्या हो रही है. सदर अस्पताल में प्रतिदिन 100 -150 मरीज मानसूनी बीमारी की चपेट में आने की वजह से इलाज कराने के लिए आते हैं. सिविल सर्जन ने बताया कि इस मौसम में नदी तालाब में नहाने, बिना गर्म पानी पीने, बारिश में भींगने और लापरवाही बरतने की वजह से यह समस्या उत्पन्न हो रही है.

साथ ही कहा कि यह समस्या 2 से 3 दिन रहती है. बीमार होने की हालत में ग्रामीण क्षेत्रों में लोग झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने का कार्य ज्यादा करते हैं. चिकित्सक ने आगे बताया कि झोला छाप डॉक्टरों से इलाज कराने के बजाय सदर अस्पताल या प्रखंड में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आकर अपना इलाज करा सकते हैं, जहां दवा निःशुल्क उपलब्ध है. सिविल सर्जन ने कहा कि इस मौसम में लापरवाही बरतने से समस्या बढ़ सकती है. झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा दिए जाने वाले दवाई और डोज जीवन से खिलवाड़ साबित हो सकता है. सदर अस्पताल में मरीजों की लंबी कतारें प्रतिदिन देखने को मिल रही है.