logo-image

चिराग ने बिगाड़ा नीतीश का खेल! क्या मुख्यमंत्री पद करेंगे स्वीकार या...

नीतीश की जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है. जेडीयू का खेल चिराग पासवान (Chirag Paswan)ने बिगाड़ दिया है. नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलकर चिराग पासवान ने जेडीयू को नुकसान पहुंचाया है.

Updated on: 10 Nov 2020, 06:09 PM

नई दिल्ली :

बिहार चुनाव के जैसे-जैसे परिणाम सामने आ रहे हैं वैसे-वैसे बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं दूसरे नंबर पर आरजेडी विराजमान हो गई. जबकि नीतीश की जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है. जेडीयू का खेल चिराग पासवान (Chirag Paswan)ने  बिगाड़ दिया है. नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलकर चिराग पासवान ने जेडीयू को नुकसान पहुंचाया है. 

सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार मुख्यमंत्री का पद स्वीकार करेंगे. उनकी पार्टी बीजेपी के मुकाबले छोटी हो गई है. बीजेपी के सीट जेडीयू से ज्यादा है. क्या नीतीश की नैतिकता ये स्वीकार करेगी कि उनकी पार्टी छोटी है बावजूद वो सीएम बने. हालांकि बीजेपी कई मौके पर कह चुकी है कि अगर जेडीयू की सीट कम भी आती है तो मुख्यमंत्री नीतीश ही बनेंगे. 

वहीं बीजेपी के कई नेता अब मांग करने लगे हैं कि मुख्यमंत्री का पद बीजेपी के ही किसी नेता को मिलना चाहिए. अब स्थिति कैसी होगी इसका पता तो आनेवाले दिनों में चल जाएगा. फिलहाल अभी के आंकड़ों की की बात करते हैं.

खबर लिखे जाने तक बीजेपी 5 सीट जीतकर 67 सीट पर आगे चल रही थी. वहीं आरजेडी 2 सीट जीतकर 73 सीट पर आगे चल रही है. जबकि जेडीयू 2 सीट जीतकर 42 सीट पर आगे चल रही है. जबकि एलजेपी एक सीट पर आगे चल रही है. लेकिन उसके खाते में 5.60% वोट आ गए थे.

वहीं, बीजेपी के खाते में 19.54% जबकि जेडीयू को 15.14% वोट मिल चुके थे.  वहीं, आरजेडी को 22.9% वोट मिले थे.  ऐसे में कहा जा सकता है कि अगर एलजेपी ने जेडीयू के खिलाफ कैंडिडेट्स नहीं खड़े किए होते तो नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने की संभावना होती. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 

माना जाता है कि बीजेपी ने चिराग को आगे भेजकर जेडीयू का खेल बिगाड़ने की कोशिश की है. विशेषज्ञों की मानें तो बीजेपी बिहार में बड़ी भूमिका में आना चाहती है. जेडीयू के रहते यह मुमकीन नहीं होता. बीजेपी भले ही जेडीयू के साथ मिलकर सरकार बनाती आ रही है, लेकिन वो छोटे भाई की भूमिका से निकल कर बड़े भाई की भूमिका में आना चाहती है. 

कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि बीजेपी ने अपनी इसी इच्छा की पूर्ति के लिए इस बार चिराग पासवान को पिछले दरवाजे से आगे किया. चिराग पासवान खुले तौर पर कहा है कि वो वहां-वहां उम्मीदवारों को उतारेगी जहां जेडीयू के उम्मीदवार होंगे. यानी वोट कटवा की भूमिका निभाएंगे. अब जो परिणाम सामने आ रहे हैं, ऐसे में लगता है बीजेपी का काम बन गया है.