LJP के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हुई बैठक, 5 सांसद को पार्टी से निकाला गया
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में अपने वर्चस्व के लिए चाचा-भतीजे में घमासान जारी है. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में किसकी चलेगी, फिलहाल ये साफ होता दिख नहीं रहा है. मंगलवार को चिराग पासवान ( Chirag Paswan ) को संसदीय दल के नेता के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया.
highlights
- राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाए गए चिराग पासवान
- चिराग ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई
- चिराग ने पांचों सासंदों को पार्टी निकाला
पटना:
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में अपने वर्चस्व के लिए चाचा-भतीजे में घमासान जारी है. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में किसकी चलेगी, फिलहाल ये साफ होता दिख नहीं रहा है. मंगलवार को चिराग पासवान ( Chirag Paswan ) को संसदीय दल के नेता के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया. चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) समर्थित नेताओं ने LJP संविधान का हवाला देते हुए चिराग ( Chirag Paswan ) को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाया. उनका कहना था कि चिराग तीन-तीन पदों पर एक साथ काबिज थे. चिराग पासवान ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और पांचों सांसदों को निलंबित कर दिया.
चिराग पासवान को हटाने के बाद सूरजभान सिंह को लोजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव कराने का प्रभार भी दिया है. लोक जनशक्ति पार्टी में उठापटक के बीच सांसद चिराग पासवान का एक पत्र वायरल हुआ है, जो 29 मार्च को उन्होंने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को लिखा था, जिसमें चिराग रामविलास पासवान के रहने के वक्त का जिक्र किए हैं. करीब छह पन्नों के इस पत्र में चिराग ने पार्टी, परिवार व रिश्तेदारी जैसे हर मसले पर खुल कर अपनी बातें रखी हैं.
अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को निशाने पर लेते हुए चिराग पासवान ने यह भी लिखा है कि 2019 में रामचंद्र चाचा के निधन के बाद से ही आप में बदलाव देख रहा था. प्रिंस को जब जिम्मेदारी दी गई तब भी आपने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. पापा ने पार्टी को आगे बढाने के लिए मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया तो इस फैसले पर भी आपकी नाराजगी रही. चिराग ने पत्र लिखकर यह बताने की पूरी कोशिश की है. उन्होंने पार्टी व परिवार में एकता रखने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें असफल रहें.
आपको बता दें कि इससे पहले सोमवार को लोकसभा स्पीकर ने एलजेपी के पांचों सांसदों की मांग मान ली. पशुपति पारस को LJP का संसदीय दल का नेता माना गया है. इस पर अब 13 जून को बैठक होगी. इसी मसले पर पशुपति पारस ने सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं है, पार्टी को बचाया है.
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