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चाचा-भतीजे के बीच लड़ाई, चिराग पासवान ने राजू तिवारी को बनाया LJP प्रदेश अध्यक्ष

एलजेपी में टूट के बाद जारी सियासी घमासान के बीच चिराग पासवान ने बड़ा फैसला लिया है. चिराग ने पार्टी नेता राजू तिवारी को बिहार एलजेपी की जिम्मेदारी सौंपी है. चिराग पासवान ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी है.

Updated on: 16 Jun 2021, 11:15 PM

highlights

  • पशुपति पारस का पलटवार
  • LJP की इस दुर्गत के लिए चिराग जिम्मेदार
  • चिराग पासवान ने राजू तिवारी को बनाया LJP का प्रदेश अध्यक्ष

पटना :

एलजेपी में टूट के बाद जारी सियासी घमासान के बीच चिराग पासवान ने बड़ा फैसला लिया है. चिराग ने पार्टी नेता राजू तिवारी को बिहार एलजेपी की जिम्मेदारी सौंपी है. चिराग पासवान ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी है. बतौर एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने पत्र जारी कर कहा,  राजू तिवारी, मुझे आपको लोक जनशक्ति पार्टी का बिहार इकाई का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत करते हुए अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है. मुझे विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व द्वारा बिहार इकाई में लोक जनशक्ति पार्टी सुदृढ़ होगी.

गौरतलब है कि सांसद चाचा पशुपति पारस और सांसद चचेरा भाई प्रिंस राज, चिराग पासवान के कार्यशैली से असंतुष्ट हैं. प्रिंस राज की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि बिहार प्रदेश लोक जनशक्ति पार्टी का अध्यक्ष पद का बंटवारा करके राजू तिवारी को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था.इससे पहले बुधवार को चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पशुपति पारस पर निशाना साधा.

चिराग पासवान ने कहा कि मैं चाहता था कि परिवार की बात बंद कमरे में निपट जाए, लेकिन अब ये लड़ाई लंबी चलेगी और कानूनी तरीके से लड़ी जाएगी. चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी के संविधान के अनुसार सिर्फ संसदीय दल और खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष ही संसदीय दल के नेता को चुन सकता है, अगर चाचा कहते तो उन्हें संसदीय दल का नेता बना दिया जाता. अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात है तो संविधान के अनुसार अभी भी वही अध्यक्ष हैं.

LJP की इस दुर्गत के लिए चिराग जिम्मेदार
लोक जनशक्ति पार्टी ( LJP ) में टूट को लेकर चिराग पासवान (Chirag Paswan) की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उनके चाचा व पार्टी ने पशुपति कुमार पारस (Pashupati K Paras) ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि हम एनडीए के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन वह (चिराग पासवान) इसके लिए राजी नहीं हुए। यही वजह है कि लोजपा खत्म होने की कगार पर है. पारस ने मीडिया से बात करते हुए  आगे कहा कि आप चिराग पासवान से जरूर पूछें कि उन्होंने मुझे प्रदेश अध्यक्ष पद से क्यों हटाया. जबकि उनके पास ऐस करने की पॉवर भी नहीं है.  हमने मेरी देखरेख में बिहार का चुनाव लड़ा और सभी 6 सांसद जीते. चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार हमें सबसे ज्यादा वोट मिले.