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LJP Crisis: सोशल मीडिया पर लीक हुआ चिराग की 'बातचीत' का ऑडियो

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में नेतृत्व संकट के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवा के बेटे चिराग पासवान की योजना इन दिनों अक्सर लीक होती दिख रही है

Updated on: 19 Jun 2021, 08:52 AM

पटना:

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में नेतृत्व संकट के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा (LJP) संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवा के बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) की योजना इन दिनों अक्सर लीक होती दिख रही है. शुक्रवार को चिराग पासवान और लोजपा यूथ विंग के नेता संजीव सरदार के बीच एक कथित ऑडियो बातचीत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गई. हालांकि, आईएएनएस वायरल ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर रहा है. कथित ऑडियो क्लिप में, चिराग पासवान को सरदार को उस समय लोजपा कार्यालय और हवाई अड्डे पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश देते हुए सुना जा सकता है, जब पशुपति कुमार पारस बुधवार को पटना पहुंचे.

उन्होंने आगे सरदार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पारस पटना में पार्टी कार्यालय में प्रवेश न कर सकें. जवाब में, सरदार को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह पारस के आने के विरोध में पटना में दलित छात्रावासों के युवाओं की व्यवस्था करेंगे.

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गुरुवार को हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पारस बुधवार को दिल्ली से यहां पहुंचे. बाद में उन्हें खुद और उनके भतीजे प्रिंस राज सहित पांच सांसदों के समर्थन से लोजपा अध्यक्ष के रूप में चुना गया. इस हफ्ते की शुरूआत में, चिराग पासवान को उनकी पार्टी के पांच लोकसभा सांसदों द्वारा तख्तापलट का सामना करना पड़ा, जिसमें उनके चाचा पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज शामिल थे.

पांच सांसदों ने सोमवार को चिराग पासवान को लोकसभा में लोजपा के नेता पद से हटा दिया था और मंगलवार को हुई आपात बैठक के दौरान उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया था. तख्तापलट के बाद, चिराग ने एक वर्चुअ राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और पार्टी के पांच सांसदों को 'पार्टी विरोधी' गतिविधियों के लिए बर्खास्त कर दिया.

तख्तापलट के बाद, चिराग ने एक आभासी (वर्चुअल) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और पार्टी के पांच सांसदों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए बर्खास्त कर दिया. चिराग ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए घोषणा की कि जिस तरह से उनके चाचा को लोकसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया गया था, वह अवैध था.