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LJP में चाचा-भतीजे की लड़ाई, बिहार से दिल्ली तक घमासान

3 दिनों से चाचा-भीतीजे के बीच जारी वर्चस्व की जंग अब सड़कों पर पहुंच गई है. चिराग समर्थक दिल्ली में पशुपति पारस के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली में एलजेपी सांसद पशुपति पारस के आवास के बाहर जोरदार हंगामा देखने को मिला.

Updated on: 16 Jun 2021, 02:17 PM

highlights

  • बिहार से दिल्ली तक मचा हुआ है घमासान
  • चिराग के समर्थकों ने की जमकर नारेबाजी
  • चिराग ने लोकसभा स्पीकर को भी चिट्ठी लिखी

नई दिल्ली:

लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में टूट और भतीजे चिराग पासवान (Chirag Paswan) का तख्तापलट करने के बाद बिहार से लेकर दिल्ली तक घमासान मचा हुआ है. जानकारी के मुताबिक अब पशुपति पारस (Pashupati Paras) पटना रवाना हो रहे हैं. उनका ये दौरा बेहद अहम माना जा रहा है. जानकारी के मुताबिक पटना पहुंचकर वो प्रदेश पार्टी नेताओं से बातचीत कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे. इस बीच पटना में उनके स्वागत को लेकर बैंड-बाजों की व्यवस्था की गई है. वहीं दूसरी ओर दिल्ली में सांसद पशुपति पारस (Pashupati Paras) के आवास के बाहर युवा एलजेपी कार्यकर्ताओं (LJP Workers) ने प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू कर दी है.

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सड़क पर आई चाचा-भतीजे की लड़ाई

3 दिनों से चाचा-भीतीजे के बीच जारी वर्चस्व की जंग अब सड़कों पर पहुंच गई है. चिराग समर्थक दिल्ली में पशुपति पारस के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली में एलजेपी सांसद पशुपति पारस के आवास के बाहर जोरदार हंगामा देखने को मिला. युवा एलजेपी के कार्यकर्ताओं ने चिराग पासवान को सपोर्ट करते हुए पशुपति पारस के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की. प्रदर्शन के दौरान यूथ एलजेपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह दोहरी राजनीति है. पूरी टीम चिराग पासवान के साथ है. यह हमारा प्रदर्शन नहीं, उनके प्रति स्नेह है. उनकी पीठ पर छुरा घोंपा गया है. पारस के पटना निकलने से ठीक पहले ये कार्यकर्ता वहां पहुंच गए.

पटना के लिए रवाना हुए पशुपति पारस

वहीं पशुपति पारस पार्टी में तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने चिराग पासवान को हारा हुआ जुआरी बताया. एक ओर दिल्ली में घमासान है, तो दूसरी ओर पशुपति पारस पटना पहुंच रहे हैं. पार्टी में टूट के बाद पहली बार पशुपति पारस पटना में होंगे. लोकसभा में वो पहले ही पार्टी के सदन के नेता हो चुके हैं. पशुपति पारस गुट की ओर से सूरज भान को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. साथ ही उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि वो जल्द से जल्द पार्टी के अध्यक्ष के लिए चुनाव करवाएं. 

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चिराग ने रद्द की प्रेस कांफ्रेंस

पशुपति ने पांचों सांसदों के साथ मिलकर पार्टी पर अपना दावा ठोका, और बाद में चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया. जिसके बाद चिराग पासवान ने भी एक्शन लेते हुए पांचों सांसदों को पार्टी से निकाल दिया. जिस पर पशुपति पारस ने कहा कि अब चिराग को किसी को पार्टी से निकालने का अधिकार नहीं हैं. बुधवार को भी इस मसले पर घमासान जारी रहा, पहले चिराग पासवान को दोपहर एक बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी, लेकिन अंतिम वक्त में इसे रद्द कर दिया गया. 

चिराग पासवान की ओम बिड़ला को चिट्ठी

चिराग पासवान द्वारा अब लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी गई है. चिराग ने अपील की है कि पार्टी के संसदीय दल के नेता के रूप में पशुपति पारस को मान्यता देने के फैसले पर फिर से विचार किया जाए. चिराग का कहना है कि ये फैसला पार्टी के नियम के मुताबिक नहीं है, पार्टी का अध्यक्ष ही संसदीय दल का नेता चुन सकता है. चिराग पासवान का कहना है कि फिर से उन्हें ही संसदीय दल का नेता नियुक्त किया जाए.