सोचिए कि जब डॉक्टर ही लोगों को ज़हर बेचने लग जाए तो क्या होगा. मामला हाजीपुर का है, जहां एक डॉक्टर महंगी विदेशी शराब की फैक्ट्री चलाते पकड़ा गया है. खास बात ये है कि डॉक्टर ने अपने गुनाह को छुपाने के लिए बकायदा शराब की फैक्ट्री में पंचिंग मशीन लेकर रैपर, स्प्रिट, बॉटल और कई सामान रखे हुए थे. यही नहीं फैक्ट्री के आगे क्लीनिक का बोर्ड भी लगा हुआ है. गुप्त सूचना के आधार पर उत्पाद विभाग ने कार्रवाई कर इसका खुलासा किया. मौके से उत्पाद विभाग ने आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है. इस दौरान डॉक्टर ने खुद बताया कि वो दवा से शराब बनाता था.
आपको बता दें कि कार्रवाई के दौरान उत्पाद विभाग की टीम भी आश्चर्यचकित हो गई. दरअसल हाजीपुर उत्पात विभाग को गुप्त सूचना मिली की सदर थाना क्षेत्र के शुभई स्थित एक निजी मकान में शराब की फैक्ट्री चलाई जा रही है. जिसके बाद पुलिस बल के साथ उत्पाद की टीम छापेमारी करने मौके पर पहुंची. तब उत्पाद विभाग के कर्मियों और अधिकारियों ने भी नहीं सोचा था कि यह अनुभव उनके लिए पहला और बिल्कुल नया होगा, क्योंकि जहां वह लोग छापेमारी करने पहुंचे थे उस शराब फैक्ट्री के आगे एक दवा दुकान थी.
यही नहीं एक फैक्ट्री के मुख्य गेट पर निजी क्लीनिक का बैनर टांगा गया है. इसको देखकर कोई भी यही समझता कि यहां मरीजों का इलाज होता है, लेकिन जब उत्पाद विभाग की टीम कमरे के अंदर दाखिल हुई तो वहां सैकड़ों विदेशी शराब के रैपर, बोतलें, तैयार शराब, टेट्रा पैक शराब के रैपर, यहां तक कि पंचिंग मशीन और दवा भी मौजूद थी, जिससे विदेशी शराब बनाई जा रही थी. इसके अलावा 3 ड्रम प्रतिबंधित स्प्रिट भी मौके से बरामद की गई है. उत्पाद विभाग ने आरोपी डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया है. जिसकी पहचान सुरेश कुमार के रूप में हुई है.
पकड़े जाने के बाद आरोपी डॉक्टर ने खुद बताया कि वह दवा से शराब बनाने का काम करता था. वहीं, उत्पाद विभाग की ओर से छापेमारी टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर गणेश चंद्र ने बताया कि बड़ी मात्रा में यहां विभिन्न विदेशी शराब, रैपर, टेट्रा पैक का पंचिंग मशीन, टेट्रा पैक तैयार शराब के साथ अन्य सामान बरामद किया गया है.
रिपोर्ट : दिवेश कुमार
Source : News Nation Bureau