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Supper 30 वाले आनंद कुमार: पापड़ बेचने से 'पद्म श्री' मिलने तक का सफर

आनंद कुमार एक समय अपनी पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला तो सुरक्षित कर लिया था लेकिन पिता की मृत्यु और खराब आर्थिक स्थिति के कारण उनका दाखिला नहीं हो सका.

Updated on: 26 Jan 2023, 02:09 PM

highlights

  • आनंद कुमार का शुरुआती जीवन बहुत गरीबी में बीता
  • पैसों की वजह से कैम्ब्रिज विवि में नहीं ले पाए थे एडमिशन
  • मां के साथ पापड़ बेचते आनंद कुमार

Patna:

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2023 के लिए पद्म पुरस्कार पाने वाले नामों का एलान कर दिया गया है. इस वर्ष 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री पुरस्कार दिये जाएंगे. 'पद्म श्री' सम्मान पानेवालों में इस बार बिहार से 'सुपर 30' के संस्थापक आनंद कुमार, 52 बूटी कलाकार कपिलदेव प्रसाद और मधुबनी की सुभद्रा देवी का नाम शामिल है. बता दें कि प्रत्येक वर्षों की तरह इस वर्ष भी गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा की गयी है.

केंद्र द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक, देश के पूर्व रक्षामंत्री समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा छह लोगों को पद्म विभूषण दिया गया है उनमें ORS के निर्माता दिलीप महालनाबिश, बाल कृष्ण दोशी, एस एम कृष्णा, श्रीनिवास वर्धन का नाम शामिल है.

बिहार में तीन हस्तियों को 'पद्म श्री' सम्मान

बिहार की झोली में इस बार तीन सम्मान आए हैं. इस साल तीन हस्तियों को पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. केंद्र सरकार ने 'सुपर 30' के संचालक और गणितज्ञ आनंद कुमार समेत तीन हस्तियों को पद्मश्री देने का एलान किया गया है. आनंद कुमार के अलावा बिहार के कपिलदेव प्रसाद को पद्मश्री अवार्ड मिला है.

कपिलदेव प्रसाद नालंदा जिले के रहने वाले हैं. उन्हें कला के क्षेत्र उत्कृष्ट कार्य करने के लिए ये सम्मान मिला है. कपिलदेव प्रसाद बवन बूटी के कलाकार हैं. बिहार को गौरव दिलाने वाले कपिलदेव प्रसाद एकमात्र बुनकर हैं. इनके चयन ने बसवनबिगहा की बुनकरी को लगभग दो दशक बाद फिर से राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया है. कपिलदेव प्रसाद 52 बूटी साड़ियों के निर्माता हैं.

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कभी पापड़ बेचा करते थे आनंद कुमार

आनंद कुमार एक समय अपनी पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला तो सुरक्षित कर लिया था लेकिन पिता की मृत्यु और खराब आर्थिक स्थिति के कारण उनका दाखिला नहीं हो सका. इस दौरान वे सुबह गणित पर काम करते थे और शाम को परिवार की मदद हेतु माँ के साथ पापड़ बेचने में भी हाथ बटाते थे. तभी से आनंद कुमार ने तय किया था कि जो वाकई में शिक्षा चाहता है उसके आड़े पैसे की तंगी नहीं आएगी. वो सुपर 30 नाम से कोचिंग संस्थान चलाते हैं जहां वो आईआईटी करनेवाले स्टूडेंट्स को मुफ्त में कोचिंग देते हैं.  2018 के आँकड़ों के  मुताबिक आनंद कुमार द्वारा प्रशिक्षित किए गए 480 में 422 छात्र आईआईटी के लिये चयनित हो चुके हैं.

पद्म श्री सम्मान के बारे में

पद्म श्री सम्मान पद्म पुरस्कारों में तीसरा और भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार होता है. इस सम्मान में पुरस्कार के रूप में 1-3/16 इंच का कांसे का एक बिल्ला दिया जाता है, जिसके केंद्र में एक कमल का फूल होता है. इसमें फूल के ऊपर नीचे पद्म श्री लिखा रहता है. ये सम्मान जीवन के विभिन्न क्षेत्रों उदाहरण के लिए कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा अथवा सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों को उनके विशिष्ट योगदान के लिए सरकार द्वारा दिया जाता है.