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कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होना इन विधायकों को पड़ सकता है महंगा, जा सकती है विधायकी

बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव से मुलाकात की .

Updated on: 29 Feb 2024, 01:46 PM

highlights

  • कांग्रेस विधायक को पाला बदलना पड़ेगा महंगा
  • इन विधायकों की जा सकती है विधायकी
  • कांग्रेस अध्यक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा पत्र

Patna:

बिहार में आगामी चुनाव को देखते हुए सियासी गर्माहट बढ़ती नजर आ रही है. इस बीच बिहार कांग्रेस ने राज्य विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अपने दो विधायकों को पद से अयोग्य घोषित करने की मांग की है. बिहार कांग्रेस ने मुरारी प्रसाद गौतम और सिद्धार्थ सौरव की विधायकी रद्द करने की मांग है. बता दें कि दोनों विधायक मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गए थे और पार्टी से बागी हो चुके हैं. जिसके बाद कांग्रेस ने उनकी सदस्यता समाप्त करवाने की टान रखी है. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव से मुलाकात की और दोनों बागी नेताओं की सदस्यता रद्द करने के लिए आवेदन सौंपा है. 

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कांग्रेस विधायक को पाला बदलना पड़ेगा महंगा

आपको बता दें कि मंगलवार को कांग्रेस के दो विधायक मुरारी प्रसाद गौतम और सिद्धार्थ सौरभ व आरजेडी की विधायक संगीता देवी सम्राट चौधरी के साथ विधानसभा पहुंचे थे. जिसके बाद ही यह स्पष्ट हो गया कि तीनों विधायक ने बीजेपी का हाथ थाम लिया है. वहीं, बिहार के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बुधवार को विधानसभा पहुंचे और नंद किशोर यादव को आवेदन दिया. इसके साथ ही मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुरारी गौतम को पार्टी ने मंत्री बनाया था, दोनों ने स्वेच्छा से पार्टी छोड़ा है. 

कांग्रेस अध्यक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा पत्र

दरअसल, मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ सौरभ और मुरारी प्रसाद गौतम व आरजेडी की विधायक संगीता देवी सत्ता पक्ष में जाकर बैठ गए. यह विधानसभा में भोजनावकाश के बाद हुआ और तीनों विधायक प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के पीछ सदन के अंदर प्रवेश करते देखे गए.

बिहार में बदला शिक्षकों का समय

बिहार में लंबे समय से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी टाइमिंग को लेकर विवाद चल रहा था. विपक्ष ने विधानसभा के सत्र के दौरान इसे मुद्दा बनाकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया. वहीं, आखिरकार केके पाठक ने स्कूलों की टाइमिंग को बदल दिया है. जो समय सीमा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से लागू की थी, केके पाठक ने उसे मानते हुए आधिकारिक रूप से अमलीजामा पहना दिया है. अब केके पाठक और शिक्षा विभाग की तरफ से राज्य के अंदर सरकारी स्कूलों का नया समय सीमा तय कर दिया गया है. इसे लेकर ऑफिशियल लेटर भी जारी कर दिया गया है.