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यूट्यूब से सीखा मोती की खेती, अब करेंगे लाखों की आमदनी

गया जिले के मानपुर प्रखंड के बरेव गांव के रहने वाले अजय मेहता पहले मुखिया थे. लॉक डाउन में आर्थिक संकट उत्पन्न हुई.

Updated on: 18 Oct 2022, 07:39 PM

Gaya:

गया जिले के मानपुर प्रखंड के बरेव गांव के रहने वाले अजय मेहता पहले मुखिया थे. लॉक डाउन में आर्थिक संकट उत्पन्न हुई, तभी सोशल मीडिया यूट्यूब पर मोती की खेती की जानकारी की एक वीडियो में देखा, जिसमें बताया गया है कि कोई किसान इसे आसान तरीके से इसकी खेती कर लाखों रुपए की आमदनी कर सकता है. इसके लिए जिला मत्स्य विभाग, कृषि विभाग सहित कई कार्यालयों में इसकी जानकारी लेनी चाही, लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली. जिसके बाद यूट्यूब पर ही झारखंड के जामताड़ा गांव में मोती की खेती की जानकारी मिली. किसी तरह इससे जुड़े एक व्यक्ति से संपर्क हुआ और आज वह मोती की खेती करने में जुटे हैं. वहीं उड़ीसा के एक प्रशिक्षण संस्थान से इसकी जानकारी ली.

अजय मेहता बताते हैं कि पिछले 2 महीने से मोती की खेती शुरू की है. इसके पहले वे मछलीपालन करते थे कहा कि उसी तालाब में मोती की खेती की जा रही है. कुछ दिनों के बाद सभी शिप को निकालकर ऑपरेशन कर उसमे सांचा डाला जाएगा. करीब 12 से 14 महीने में मोती तैयार हो जाएगा. 1 लाख रुपए की लागत से 2000 शिप को रखा गया है, जिसमें से करीब 4 लाख रुपए की मोती तैयार होगा. इस मॉड्यूलर मोती की मांग भारत के साथ साथ विदेशों में बहुत ज्यादा है. उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा अनुबंध की नौकरी करने से अच्छा मुनाफा मोती की खेती, मछलीपालन, बकरीपालन आदि क्षेत्रों में किया जा सकता है.

वहीं जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने बताया कि मोती की खेती को पर्ल फार्मिंग कहते है इस फार्मिंग के लिए बिहार में अभी कोई योजना नहीं है और ना ही कोई अनुदान दी गई है. चूंकि गया जिले में कुछ किसानों के द्वारा ही मोती की खेती की जा रही है, इसकी जानकारी मिली है. अभी किसान प्रशिक्षण लेकर शुरुआती दौर में पर्ल फार्मिंग कर रहे हैं.