बिहार (Bihar) में पांच दलों के महागठबंधन में शुक्रवार को एक बार फिर समन्वय की कमी दिखी, जब इसके एक सहयोगी दल को शिक्षा और रोजगार को लेकर राज्यव्यापी धरना में सहयोग नहीं मिला. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने शुक्रवार को मिलर उच्च विद्यालय में 'मानव श्रृंखला' का आयोजन किया था, जहां विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी के अलावा महागठबंधन (Mahagathbandhan) का कोई नेता नहीं पहुंचा.
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संवाददाताओं के पूछने पर कुशवाहा केवल अपनी कुंठा ही छिपा पाए. उन्होंने दावा किया कि महान समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम 'सफल' रहा. उन्होंने सहनी को कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए कहा और खुद अपनी नजरें मोबाइल फोन में गड़ाए रहे, ताकि कार्यक्रम की सफलता के बारे में अन्य जगहों से जानकारी हासिल कर सकें.
सहनी ने राजद, कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' के नेताओं की अनुपस्थिति को तवज्जो नहीं देते हुए दावा किया कि सबके अपनी पार्टी के कार्यक्रम थे, लेकिन सबने सिद्धांत रूप से कुशवाहा की वजह को समर्थन दिया है. बता दें कि जब आरएलएसपी के प्रमुख का कार्यक्रम चल रहा था, उस वक्त वहां से कुछ सौ मीटर की दूरी पर राजद के शीर्ष नेता पार्टी कार्यालय में ठाकुर की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल थे.
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गौरतलब है कि बिहार में इस साल विधानसभा के चुनाव को होने वाले हैं. बीजेपी और जदयू को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्षी दलों का महागठबंधन बार-बार एकजुट होने की कोशिश करता है, मगर मौकों पर सभी दल एक-दूसरे के साथ खड़े नहीं होते. बीते दिनों बिहार बंद हो या महागठबंधन का प्रमुख चेहरा, इन मुद्दों पर विपक्षी दलों के अंदर काफी टकराव देखा गया. बहरहाल, अब देखना यह है कि क्या विधानसभा चुनाव में बीजेपी-जदयू की जोड़ी का टक्कर देने के लिए विपक्षी दल महागठबंधन में आ पाएंगे या नहीं.