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सीधे जेल से लालू यादव के सियासी हमले जारी, नहीं छोड़ रहे कोई भी मौका

बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल अपनी चुनावी तैयारी में कोई असर नहीं छोड़ रही है. वह अपनी सियासी चाल और सियासी चरित्र भी बदलने में शिद्दत से जुटी है.

Updated on: 18 Jan 2020, 11:09 AM

पटना:

सियासत के हिसाब से बिहार (Bihar) के लिए यह चुनावी साल है. अक्टूबर-नवंबर में होने वाले संभावित चुनाव को लेकर सभी पार्टियां चुनावी रणनीति तैयार कर रही है. बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) भी कोई असर नहीं छोड़ रही है. वह अपनी सियासी चाल और सियासी चरित्र भी बदलने में शिद्दत से जुटी है, मगर पार्टी को अपने मुखिया की कमी खल रही है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) इन दिनों चारा घोटाले के कई मामलों में जेल की सजा काट रहे हैं. लिहाजा वह जेल से ही अपनी पार्टी में जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं. लालू यादव सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए भी नीतीश और मोदी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं गंवा रहे हैं और हर मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रख रहे हैं.

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नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) हो या नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी जल-जीवन-हरियाली योजना हो या बिहार में अपराध की बात हो, लालू ऐसे ही तमाम मुद्दों पर जमकर सियासी हमला बोल रहे हैं. शुक्रवार को लालू ने जल-जीवन-हरियाली योजना को 'जल-छीजन-घड़ियाली' करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि गरीबों का 24500 करोड़ रुपये 'छल छीजन घड़ियाली' के नाम पर लूटा और अब करोड़ों मानव श्रृंखला के नाम. आम नागरिक के धन की बर्बादी और नौटंकी की यह पराकाष्ठा है. उन्होंने नीतीश को एक असंवेदनहीन आत्ममुग्ध तानाशाह बताया.

राजद अध्यक्ष कहते हैं कि राज्य के स्कूल, कॉलेज, अस्पताल बदहाली का रोना रो रहे हैं. करोड़ों युवा बेरोजगार बैठे हैं, लेकिन ये सरकारी खर्चे पर राजनीतिक यात्रा कर खजाने का करोड़ों लूट रहे है और करोड़ों बर्बाद कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'ऐ नीतीश, सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द कर, शिक्षकों का मानदेय खाकर, कर्मचारियों पर धौंस दिखाकर तूने ये क्या किया?' मकर संक्रांति के दिन उन्होंने निशाने साधते हुए अपने ट्वीट में कहा कि देश में प्यार लगातार घट रहा है, जबकि नफरत बढ़ रही है. इससे पहले लालू यादव ने ट्विटर के माध्यम से लोगों से अपील की कि आने वाले विधानसभा चुनावों में वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता से हटाएं.

सीएए और एनपीआर का भी लालू यादव ने जमकर विरोध किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'कथित NPR, NRC और 2021 की भारतीय जनगणना पर लाखों करोड़ खर्च होंगे. सुना है NPR में अनेकों अलग-2 कॉलम जोड़ रहे हैं, लेकिन इसमें जातिगत जनगणना का एक कॉलम और जोड़ने में क्या दिक्कत है? क्या 5000 से अधिक जातियों वाले 60% अनगिनत पिछड़े-अति पिछड़े हिंदू नहीं है जो आप उनकी गणना नहीं चाहते?' इसके अलावा भी लालू यादव कई और मुद्दों को अपना हथियार बना रहे हैं.

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लालू यादव चारा मामले में सजायाफ्ता हैं और रांची की जेल में सजा काट रहे हैं. इन दिनों बीमार चल रहे लालू का उपचार चल रहा है. बावजूद इसके लालू बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं. ट्विटर के जरिए ही वो अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की हौसला-अफजाई करते हैं. इसके अलावा राजद कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ाने के लिए नए-नए नारे भी देते हैं. नए साल की शुरुआत पर ही लालू ने जेल से राजद का नया चुनावी नारा- दो हजार बीस, हटाओ नीतीश दिया था. इसके अलावा हाल ही में उन्होंने रांची जेल में ही अपना जनता दरबार लगाया था और पार्टी नेताओं से मुलाकात की थी.