लालू ने स्वास्थ्य केंद्रों को बताया बदहाल, नीतीश के लिए मांगा नोबेल पुरस्कार, जदयू ने कसा तंज
बिहार में इस कोरोना काल में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. इसी क्रम में राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य केंद्र बदहाल हैं.
पटना:
बिहार में इस कोरोना काल में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. इसी क्रम में राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य केंद्र बदहाल हैं. साथ ही सीएम नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करने की बात कही. इधर, जदयू ने भी लालू प्रसाद पर तंज कसते हुए उन्हें घोटला शिरोमणि तक बता दिया. कोरोना वायरस की महामारी के दौर में लालू प्रसाद लगातार बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.
लालू प्रसाद ने गुरुवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से राजद कैमूर के प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र, मचखिया, प्रखंड दुर्गावती की तस्वीर को रीट्वीट करते हुए लिखा कि बिहार में बंद पड़े (लेकिन गुलाबी और बसंती फाइलों में संचालित) ऐसे हजारों स्वास्थ्य केंद्र नीतीश कुमार की 'फेल्योर' (विफलता) के विराट स्मारक हैं. राजद के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड के एक उप स्वास्थ्य केंद्र के संदर्भ में मधुबनी राजद के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि ऐसे सैकड़ों स्वास्थ्य केंद्र बंद कराने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया जाना चाहिए.
राजद के ट्वीट में नीतीश कुमार के साथ स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को भी नोबेल पुरस्कार देने की मांग की गई है. लालू प्रसाद के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष किए जाने के बाद जदयू के नेता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने पलटवार किया है. पूर्व मंत्री ने लालू प्रसाद को 'पुरुस्कृत घोटाला शिरोमणि' तक बता दिया. पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा कि अब न्यायालय से पुरुस्कृत घोटाला शिरोमणि भी लाठी के बजाय कलम और डॉक्टरों को बिहार से भगाने के बदले स्वास्थ्य सेवा की बात करने लगे हैं.
BJP का लालू, तेजस्वी पर तंज, 'जेल, बेल के बीच अस्पताल का खेल'
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने गुरुवार को एक साथ राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि आजकल जेल और बेल के बीच में अस्पताल का कमाल खेल है. जैसे बेल मिल जाएगी वैसे नेता जी स्वस्थ होकर कैमरा के साथ घूमना शुरू कर देंगे. जायसवाल ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये विरोधी दलों को निशाने पर लेते हुए लिखा कि अब राजनीतिक तौर पर पटना शहर का नाम बदलकर 'विरोधी नेता सेवा शहर' कर देना चाहिए, क्योंकि राजनीति भी अजीब चीज है.
उन्होंने बिना तेजस्वी के नाम लिए घेरते हुए लिखा था कि राघोपुर की जनता आपको विधायक बनाती है, फिर भी अस्पताल पटना में ही खोलेंगे. भाई के मंत्री रहते एक मेडिकल कॉलेज ही राघोपुर में खोल देते या खुद मंत्री रहते एक पुल ही बना देते तो पीपा पुल पर लोगों की मौतें नहीं होतीं." डॉ जायसवाल ने आगे लिखा कि यहां तो मूल उद्देश्य सेवा नहीं, छपास है. छपास के लिए तो सेवा पटना में ही करना पड़ेगी. परिवार के पद चिन्हों पर चल रहे हैं, मुख्यमंत्री रहते परिवार का सिद्धांत था कि विकास से कभी वोट नहीं मिलता है.
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