/newsnation/media/media_files/G0NnL3CMCaeoNw1U3f2b.jpg)
Lalu Yadav Tejaswi Yadav
Bihar Politics News: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. उन्होंने पहले चरण में डैमेज कंट्रोल अभियान का आरंभ किया है, जिसके तहत उन नाराज नेताओं को वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है जिनका राजनीति में एक खास दबदबा है. इस अभियान की शुरुआत सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब से हुई है. इस कड़ी में और भी कई नेता शामिल हैं, जिन्हें घर वापसी के लिए मनाने का प्रयास किया जा रहा है.
हिना शहाब से मुलाकात
आपको बता दें कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके छोटे बेटे, पूर्व डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव ने 7 जुलाई को दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब से मुलाकात की. यह मुलाकात राजद विधायक विनोद जायसवाल के आवास पर हुई, जिन्होंने इस मुलाकात में मध्यस्थता की भूमिका निभाई. हिना शहाब के निर्दलीय चुनाव लड़ने से सीवान लोकसभा सीट राजद के हाथ से निकल गई थी, जिससे सीवान, छपरा और गोपालगंज में शहाबुद्दीन के समर्थकों में नाराजगी बढ़ गई थी.
यह भी पढ़ें : राजस्थान में इस तारीख को होगा राज्यसभा उपचुनाव, 9 सीटों पर मुकाबला दिलचस्प
हिना शहाब की राजनीतिक ताकत
हालांकि हिना शहाब सीवान से लोकसभा चुनाव हार गई थीं, लेकिन उन्होंने अच्छा खासा वोट बैंक हासिल किया था. सीवान विधानसभा से उन्हें 61344 मत, जीरदेई से 40845 मत, दरौली से 32116 मत, रघुनाथपुर से 60854 मत, दरौंदा से 40176 मत और बड़हरा विधानसभा सीट पर 57746 मत मिले थे. इन मतों से स्पष्ट होता है कि हिना शहाब का राजनीतिक प्रभाव अब भी मजबूत है.
लालू यादव का डैमेज कंट्रोल मिशन
इसके साथ ही आपको बता दें कि लालू यादव और तेजस्वी यादव की हिना शहाब से मुलाकात के बाद, दोनों के खुशमिजाज होकर निकलने से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि डैमेज कंट्रोल मिशन सफल हो गया है. अगर यह सही साबित होता है, तो सीवान और आसपास के जिलों में मोहम्मद शहाबुद्दीन का प्रभाव राजद के लिए फायदे का सौदा साबित होगा. इससे विधानसभा चुनाव की लड़ाई दिलचस्प हो जाएगी और जेडीयू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
अन्य नाराज नेताओं की सूची
साथ ही लालू प्रसाद यादव का डैमेज कंट्रोल अभियान केवल हिना शहाब तक सीमित नहीं है. इसमें सूर्यगढ़ विधायक प्रह्लाद यादव, पूर्व सांसद बुलू मंडल, पूर्व मंत्री देवेंद्र यादव, मोकामा विधायक नीलम देवी जैसे अन्य प्रभावशाली नेता भी शामिल हैं. ये सभी नेता किसी समय लालू प्रसाद यादव के जिताऊ उम्मीदवार थे, लेकिन अब उनसे नाराज चल रहे हैं. लालू प्रसाद यादव अब इन्हें फिर से पार्टी में लाने की कोशिश कर रहे हैं.