लालू यादव ने अपनी पार्टी आरजेडी के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया. आरजेडी अध्यक्ष पद का चुनाव 10 अक्टूबर को होना है, लेकिन एक बार फिर से लालू यादव का निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना तय है. वहीं, नामांकन को लेकर बीजेपी ने लालू यादव और आरजेडी पर करारा हमला बोला है. आरजेडी चीफ लालू यादव ने आज पार्टी प्रमुख पद के लिए नामांकन दाखिल किया. राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 10 अक्टूबर को होना है, लेकिन अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ लालू यादव ने ही नामांकन दाखिल किया. यानि ये बात तय है कि लालू यादव की पार्टी के मुखिया रहेंगे और निर्विरोध तरीके से आरजेडी के अध्यक्ष बनेंगे.
इस मौके पर लालू यादव के साथ उनकी बेटी मीसा भारती के अलावा आरजेडी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. 10 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों का चुनाव होगा और नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रमाण पत्र दिया जाएगा. वहीं, लालू यादव के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने पर बीजेपी ने करारा हमला बोला. लालू प्रसाद यादव के नामांकन पत्र दाखिल करने पर बीजेपी ने चुटकी ली है. भाजपा के विधान पार्षद घनश्याम ठाकुर ने कहा है कि इसमें आश्चर्य करने की कोई बात नहीं है आरजेडी पारिवारिक पार्टी है और जब तक लालू जिंदा रहेंगे आरजेडी के अध्यक्ष रहेंगे.
लालू यादव वैसे तो अपनी राजनीतीक पारी की शुरुआत छात्र जीवन से ही कर दी थी, लेकिन लालू यादव को असली पहचान जेपी आंदोलन में शामिल होने के बाद मिली. लालू यादव दो-दो बार बिहार के सीएम रहे और केंद्र में रेलमंत्री भी रहे.
लालू यादव का पॉलिटिकल कॉरियर
छात्र राजनीति से राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की
जेपी आंदोलन में शामिल होने के बाद राजनीतिक कद बढ़ा
लालू ने 1980 में लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए
1980 में ही बिहार विधानसभा चुनाव लड़े और जीते
1985 में दोबारा विधानसभा चुनाव जीता
1989 में विधानसभा में विरोधी दल के नेता बने
1989 में ही छपरा से पहली बार सांसद बने
यादव जाति से इकलौते बड़े नेता बने लालू यादव
1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे
2004 से 2009 तक केंद्र में रेल मंत्री रहे
चारा घोटाले की वजह से सांसद पद गंवाना पड़ा
दो बार बिहार के सीएम रह चुके हैं लालू यादव
पहली बार 1990 से 1995 तक सीएम रहे
दूसरी बार 1995 से 1997 तक सीएम रहे
1997 में जनता दल से अलग होकर आरजेडी बनाई
कुल मिलाकर एक बार फिर से लालू यादव का आरजेडी का अध्यक्ष बनना तय है. हालांकि औपचारिक एलान 10 अक्टूबर को होगा. आरजेडी के गठन से लेकर लालू यादव के सामने कई बार परेशानियां आईं, लेकिन लालू यादव परेशानियों को हराते गए.
Source : Gaurav Pandit