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लालू यादव ने फाइनल की मीसा और रोहिणी की सीट, यहां से लड़ेंगी चुनाव

बिहार में 40 लोकसभा सीटों पर एक तरफ जहां एनडीए ने सीटों का फॉर्मूला तय कर लिया है तो वहीं चुनाव को कुछ ही दिन रह गए हैं, लेकिन अब तक महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं किया गया है.

Updated on: 22 Mar 2024, 02:47 PM

highlights

  • लालू यादव की बेटियों की सीट की फाइनल
  • पाटलिपुत्र सीट से मीसा भारती लड़ेंगी चुनाव
  • सारण सीट से रोहिणी आचार्य लड़ेंगी चुनाव

Patna:

बिहार में 40 लोकसभा सीटों पर एक तरफ जहां एनडीए ने सीटों का फॉर्मूला तय कर लिया है तो वहीं चुनाव को कुछ ही दिन रह गए हैं, लेकिन अब तक महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं किया गया है. दूसरी ओर आरजेडी की तरफ से प्रत्याशी तय किए जा रहे हैं, जिसकी वजह से महागठबंधन में शामिल दोलें के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. सूत्रों की मानें तो आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने दोनों बेटियों रोहिणी आचार्य और मीसा भारती की सीट फाइनल कर दी है. जानकारी के अनुसार, लालू यादव ने अपनी बेटी मीसा भारती को पाटलिपुत्र सीट से और रोहिणी आचार्य को सारण सीट से लोकसभा चुनाव में उतारने का फैसला किया है. 

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पाटलिपुत्र सीट से मीसा भारती लड़ेंगी चुनाव

पाटलिपुत्र लोकसभा सीट की बात करें तो मीसा भारती इससे पहले दो बार इस सीट से अपना भाग्य आजमा चुकी हैं, लेकिन दोनों ही बार बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. 2019 लोकसभा चुनाव में मीसा भारती 39000 वोटों से हारी थीं तो वहीं 2014 लोकसभा चुनाव में मीसा भारती को महज 38000 वोटों से हारी थीं. लालू यादव भी इस सीट से अपनी किस्मत आजमा चुके हैं, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था.

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सारण सीट से रोहिणी आचार्य लड़ेंगी चुनाव

वहीं, सारण लोकसभा सीट से लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव लड़ने को तैयार है. इस सीट की बात करें तो पुराने परिसीमन में यह छपरा लोकसभा क्षेत्र था. 2009 से नए परिसीमन के बाद इस क्षेत्र का नाम सारण लोकसभा क्षेत्र रख दिया गया. दूसरी तरफ 2014 से यह सीट पर बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी के सांसद राजीव प्रताप रूडी यहां से सांसद है. बता दें कि 2009 में इस सीट को लालू यादव ने अपने नाम किया था. वहीं, 2004 में लालू यादव दो जगह छपरा और मधेपुरा से चुनाव लड़े थे, जिसमें दोनों ही सीटों पर उन्होंने जीत दर्ज की थी. अब देखना यह है कि लालू यादव का यह फैसला सही साबित होता है या गलत.