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प्रवासी मजदूरों के बिहार लौटने की व्यवस्था को लेकर लालू ने नीतीश पर कटाक्ष किया

बिहार के प्रवासी मजदूरों के अपने प्रदेश लौटने की व्यवस्था करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर शुक्रवार को कटाक्ष किया.

Updated on: 02 May 2020, 09:21 AM

पटना:

बिहार (Bihar) के प्रवासी मजदूरों के अपने प्रदेश लौटने की व्यवस्था करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर शुक्रवार को कटाक्ष किया. लालू यादव (Lalu Yadav) ने ट्वीट कर कहा कि लॉकडाउन 2.0 (लॉकडाउन का दूसरा चरण) शुरू होने पर आज से 16 रोज पहले सरकार से ट्रेन चलाने की मांग थी, लेकिन छोटे भाई (नीतीश) टोटल कन्फ़्यूज़िया गए हैं. ना वेंटिलेटर, ना बस, ना रेल, उनका बेमल जोड़तोड़ का रेलमपेल.

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उल्लेखनीय है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बृहस्पतिवार को केंद्र से प्रवासियों की वापसी के लिए विशेष ट्रेनें चलाने का आग्रह किया था. पूर्व मध्य रेल से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, श्रमिक दिवस के अवसर पर देश के विभिन्न भागों में रूके हुए प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, छात्र, पर्यटक तथा अन्य लोगों के लिए शुक्रवार को जयपुर से जयपुर-दानापुर श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन शुक्रवार की रात्रि 10 बजे पटना के दानापुर के लिए खुलकर दो मई (आज) को 12.45 बजे दानापुर पहुंचेगी.

चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता और वर्तमान में रांची के एक अस्पताल में इलाज करा रहे लालू ने अपने छोटे पुत्र और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के 15 अप्रैल के उस बयान को साझा किया है, जिसमें तेजस्वी ने कहा था, 'आदरणीय नीतीश जी, आप वरिष्ठ नेता हैं. जब उतराखंड में फँसे हज़ारों गुजरातियों को डिलक्स बस में विशेष इंतज़ाम करके अहमदाबाद ले जाया जा सकता है तो ग़रीब बिहारियों को 21 दिनों बाद भी साधारण ट्रेन से वापस क्यों नहीं लाया जा सकता? कृपया केंद्र से बात कर ग़रीबों के लिए कोई रास्ता निकालिए.'

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लालू ने तेजस्वी के एक और ट्वीट को साझा किया है जिसमें कहा गया था, '15 सालों की नीतीश-भाजपा सरकार के पास बिहार में मात्र 600 बसें है. मगर सरकार का विज्ञापन खर्च 500 करोड़ है. हमने मज़दूरों को वापस लाने के लिए सरकार को शुरू में 2000 बसों की सहायता प्रदान की है. लेकिन अहंकारी सरकार को बस मीडिया मैनज्मेंट के दम पर ही सारी जंग जीतनी है.'

राजद प्रमुख ने कटाक्ष करते हुए कहा, 'बे-बस नीतीश कुमार. इस बयान का मतलब बुझा रहा है ना.' लालू ने अपनी पार्टी राजद के उस ब्यान को भी साझा किया है जिसमें कहा गया है, 'कोरोना ने नीतीश सरकार के 15 साल के विकास वाले ग़ुब्बारे को फोड़ दिया है. बेरोजगारी, पलायन, गरीबी, बदहाल शिक्षा-स्वास्थ्य अपराध व्यवस्था जिसे नीतीश कुमार बड़े चालाकी से शराबबंदी, दहेजबंदी, विशेष राज्य का दर्जा,चारा घोटाला आदि जैसे मुद्दों की चादर से ढंके हुए थे, सबके सामने आ गया है.'

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उन्होंने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के उस ब्यान को भी साझा किया है जिसमें कहा गया है, 'सुनकर बहुत अफसोस हुआ कि नीतीश कुमार जी के पास बिहार के लोगों को उनके घर ले जाने के लिए पैसे नहीं हैं. बिहार के तमाम भाई-बहन अपने परिवार से मिलने घर जाना चाहते हैं. नीतीश कुमार जी पूरा खर्च बताइए, मैं अरविंद केजरीवाल जी से अनुरोध करूँगा कि पैसे का इंतज़ाम दिल्ली सरकार करे.'

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