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चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव को पांच साल की सजा, 60 लाख का जुर्माना

देश के चर्चित चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये के गबन के मामले में लालू प्रसाद यादव के अलावा इस मामले में दोषी करार दिए गए अन्य 38 लोगों को भी अदालत ने सजा सुनाई.

Updated on: 21 Feb 2022, 02:20 PM

highlights

  • सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे वकील
  • ईडी भी ले रही लालू प्रसाद यादव को लपेटे में, दो केस किए दर्ज
  • अन्य दोषिय़ों को भी सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनाई गई सजा

 

रांची:

चारा घोटाले के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने पांचवें मामले में भी लालू प्रसाद यादव को पांच साल की जेल की सजा और 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. फैसले के बाद उन्हें सातवीं बार जेल जाना पड़ेगा. हालांकि इसी मामले में दोषी पाए जाने पर लालू प्रसाद यादव ने अदालत से बीमारी के चलते बजाय जेल के अस्पताल भेजे जाने की याचिका भी लगाई थी. सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के बाद उनके वकील ने कहा है कि वह फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे. इसके पहले अन्य मामलों में भी लालू प्रसाद यादव को दोषी पाया जा चुका है. यही नहीं, चारा घोटाले में सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग के दो केस दर्ज कर लिए हैं. 

अन्य दोषियों को भी सजा सुनाई गई
देश के चर्चित चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये के गबन के मामले में लालू प्रसाद यादव के अलावा इस मामले में दोषी करार दिए गए अन्य 38 लोगों को भी अदालत ने सजा सुनाई. सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के शशि ने 15 फरवरी को इन सभी को दोषी करार देते हुए सजा पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख तय की थी. जिन 38 दोषियों को सजा सुनायी गई है उनमें से 35 बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. लालू प्रसाद यादव समेत तीन अन्य दोषी स्वास्थ्य कारणों से रिम्स में भर्ती हैं. अब लालू प्रसाद यादव के वकील हाई कोर्ट जाएंगे. वहां बेल पिटीशन फाइल किया जाएगा. इसमें तर्क दिया जाएगा कि लालू प्रसाद यादव ने आधी सजा काट ली है. 

सीबीआई के बाद ईडी भी दर्ज कर रही केस
 इन सभी मामलों में सबसे प्रमुख आरोप कोषागारों से करोड़ों की फर्जी निकासी का है. यह तय माना जा रहा है कि बाकी तीन मामलों में भी ईडी आगे मनी लांड्रिंग के केस दर्ज करेगा. यानी सीबीआई के बाद लालू प्रसाद के लिए सिलसिलेवार ईडी के मुकदमों का सामना करना पड़ेगा. सीबीआई कोर्ट ने दोनों मामलों में क्रमश: 19 मार्च 2018 और 9 अप्रैल 2018 को लालू प्रसाद समेत अन्य को सजा सुनायी थी. साथ ही मनी लांड्रिंग के पहलुओं पर जांच का आदेश दिया था. चारा घोटाला से जुड़े मामले में ईडी से पहले सीबीआई ने भी आरोपियों की संपत्ति जब्त की थी. इसमें आरसी 20/96 केस में सीबीआई ने दीपेश चंडोक की 2.33 करोड़, श्याम बिहारी सिन्हा की 2.50 करोड़ समेत 10 करोड़ नकदी जब्त की थी. वहीं 200 किलो के गोल्ड बांड को भी सीबीआई ने सीज किए थे. इन मामलों में फैसला लंबित है.