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lalu yadav daughter (social media)
Tej Pratap Yadav Controversy: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ओर से अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निष्कासित करने के कुछ ही घंटो के बाद बेटी रोहिणी आचार्य का बयान भी सामने आया है. वह अपने पिता के समर्थन में सामने आईं. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने अपने पिता के प्रति अपनी निष्ठा की पुष्टि की तथा उन्हें भगवान और अपने परिवार को मंदिर बताया. रोहिणी ने एक्स पर लिखा, "पर्यावरण, परंपरा, परिवार और पालन-पोषण की गरिमा का ख्याल रखने वालों पर कभी सवाल नहीं उठाए जाते. जो लोग अपनी समझदारी को त्यागकर बार-बार सभ्य आचरण और पारिवारिक प्रतिष्ठा की सीमाओं को लांघने की गलती करते हैं, वे खुद को आलोचना का पात्र बनाते हैं."
जो परिवेश , परंपरा , परिवार और परवरिश की मर्यादा का ख्याल रखते हैं , उन पर कभी सवाल नहीं उठते हैं , जो अपना विवेक त्याग कर मर्यादित आचरण व् परिवार की प्रतिष्ठा की सीमा को बारम्बार लांघने की गलती - धृष्टता करते हैं, वो खुद को आलोचना का पात्र खुद ही बनाते हैं ..
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) May 25, 2025
हमारे लिए पापा… https://t.co/8ANl4AN718
पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया
उन्होंने कहा, "हमारे लिए पापा भगवान की तरह हैं, परिवार हमारा मंदिर और गौरव है और पापा के अथक प्रयासों और संघर्षों से बनी पार्टी और सामाजिक न्याय की अवधारणा हमारी पूजा है. हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे कि इन तीनों की प्रतिष्ठा किसी के कारण धूमिल हो." तेजप्रताप यादव को रविवार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने गैरजिम्मेदाराना व्यवहार और ईमानदारी और पारिवारिक मूल्यों का पालन न करने के कारण पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया.
सोशल मीडिया अकाउंट से छेड़छाड़ की गई
यह घटना के एक दिन बाद हुई जब तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर एक म​हिला की तस्वीरें पोस्ट कीं. इसमें दावा किया गया था कि वह 12 साल से उसके साथ रिलेशनशिप में है. बाद में उन्होंने तस्वीर हटा दी और दावा किया कि उनके सोशल मीडिया अकाउंट से छेड़छाड़ की गई है. उनकी तस्वीरों को दुर्भावनापूर्ण तरह से एडिट किया गया है. एक्स पर एक पोस्ट में लालू यादव ने कहा,"बड़े बेटे की गतिविधियां, सार्वजनिक आचरण और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और परंपराओं के अनुरूप नहीं है." लालू यादव ने लिखा,"व्यक्तिगत जीवन में नैतिक मूल्यों की अनदेखी सामाजिक न्याय के लिए हमारे सामूहिक संघर्ष को कमजोर करती है."