अदाणी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के बहाने विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है. विपक्ष सरकार को घेर रही है और आम जनता के पैसों की बर्बादी करने का आरोप लगा रही है तो वहीं सरकार का कहना है कि आम लोगों के पैसे पूरी तरह से सुरक्षित हैं. ताजा मामले में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद ललन सिंह ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला है. ललन सिंह ने ट्वीट किया, 'अबतक जो सच्चाई उभरकर सामने आयी है, वह बताती है कि सत्ता का संरक्षण प्राप्त एक कॉरपोरेट घराने ने अबतक का सबसे बड़ा ₹81000 करोड़ का आर्थिक घोटाला करके देश की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त तो कर ही दिया साथ ही देश के करोड़ों लोगों ने एलआईसी (जीवन बीमा) में अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए जो निवेश किया था, वह भी अंधकारमय हो गया है.'
ललन सिंह ने आगे लिखा, 'हिंडनबर्ग के एक खुलासे से एलआईसी को एक दिन में ₹18000 करोड़ का घाटा हुआ, जो इस देश के आम लोगों का पैसा था. इस मुद्दे पर सरकार संसद में बहस कराने से क्यों भाग रही है? दाल में जरूर कुछ काला है...!'
अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने 6 फरवरी को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया
कांग्रेस पार्टी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर यहां जीवन बीमा निगम कार्यालय और भारतीय स्टेट बैंक कार्यालय के सामने सोमवार, 6 फरवरी को राष्ट्रव्यापी जिलास्तरीय विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, सरकार प्रधानमंत्री के करीबी दोस्तों को लाभ पहुंचाने के लिए भारत के लोगों की गाढ़ी कमाई को खतरे में नहीं डाल सकती.
उन्होंने कहा कि एलआईसी ने अडानी समूह में 36,474.78 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जबकि भारतीय बैंकों ने समूह में लगभग 80,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. वे तब भी ऐसा करना जारी रखते हैं, जब स्टॉक में हेराफेरी, लेखा धोखाधड़ी और अन्य गड़बड़ी के आरोप लगते हैं.
बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह को 100 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों से जिला कांग्रेस कमेटियों को आवश्यक निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है, ताकि वरिष्ठ नेताओं, पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के अलावा बीसीसी, पंचायत व बूथ स्तर से पूरी तरह लामबंदी सुनिश्चित की जा सके. कांग्रेस अडानी वृत्तांत की जांच जेपीसी या भारत के प्रधान न्यायाधीश की देखरेख में कराने की भी मांग कर रही है, क्योंकि जनता के सैकड़ों-हजारों करोड़ रुपये अडानी ग्रुप के पास जा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व बेरोजगारी, अनियंत्रित मुद्रास्फीति और आर्थिक संकट के कारण चौतरफा निराशा के बीच, मोदी सरकार से उम्मीद की जा रही थी कि वह एक ऐसा बजट पेश करेगी, जो लोगों की इन जरूरी चिंताओं को दूर करे. उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से, लोगों के हितों की रक्षा करने और जनता के पैसे की बर्बादी और लूट को रोकने के बजाय संवेदनहीन सरकार अभी भी पीएम मोदी के दोस्तों की मदद करने पर आमादा है. यह सावधानी और विवेक को पूरी तरह से हवा में उछाल रही है.
HIGHLIGHTS
- हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर मोदी सरकार पर विपक्ष है हमलावर
- ललन सिंह ने भी केंद्र सरकार पर कसा तंज
- कहा-दाल में जरूर कुछ काला है
Source : News State Bihar Jharkhand