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पीएम मोदी पर गरजे ललन सिंह, कहा - नरेंद्र मोदी से बड़ा बहुरूपिया देश में कोई नहीं

अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी से बड़ा बहुरूपिया इस देश में नहीं होगा. दिन में 12 रूप बदलने वाले बहुरूपिया को भी नरेंद्र मोदी ने रूप बदलने में पछाड़ दिया. नरेंद्र मोदी देश के जिस कोने में गए वैसा ही रूप धारण कर लिये .

Updated on: 18 Sep 2022, 06:27 PM

Lakhisarai:

बीजेपी से अलग होते है JDU और बीजेपी एक दूसरे पर हमलावर है. जहां बीजेपी सीएम नीतीश कुमार को घेरने का काम कर रही है. 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर बयानबाजी जारी है तो वहीं JDU भी बीजेपी पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पीएम मोदी को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं. ललन सिंह ने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने वोट हासिल करने के लिए देश की जनता से झूठ बोला. नरेंद्र मोदी से बड़ा बहुरूपिया इस देश में नहीं है.

दरअसल, ललन सिंह आज एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लखीसराय पहुंचे थे, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर हमला बोला. ललन सिंह ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने जाति और धर्म के नाम पर जनता से झूठ बोलकर वोट लिया और जहां जैसा देखा खुद को उस रूप में समर्पित कर दिया. वोट हासिल करने के लिए कभी खुद को पिछड़ा बताया तो कभी अतिपिछड़ा.

नरेंद्र मोदी से बड़ा बहुरूपिया कोई नहीं 

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी से बड़ा बहुरूपिया इस देश में नहीं होगा. दिन में 12 रूप बदलने वाले बहुरूपिया को भी नरेंद्र मोदी ने रूप बदलने में पछाड़ दिया. नरेंद्र मोदी देश के जिस कोने में गए वैसा ही रूप धारण कर लिये और पूरे देश के साथ साथ बिहार के लोगों को भी ठग कर वोट लिया और प्रधानमंत्री बन गए.

दो करोड़ रोजगार का वादा बना जुमला

नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देंगे लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद वे अपने वादे को भूल गए. चुनाव जीतकर देश के प्रधानमंत्री बन गए और दो करोड़ रोजगार का वादा जुमला बनकर रह गया.

ध्यान भटकाने के लिए फैला रहें हैं धार्मिक उन्मांद

देश की जनता महंगाई की मार से त्रस्त है लेकिन प्रधानमंत्री महंगाई पर चर्चा नहीं कर रहे हैं. उन्हें डर है कि अगर महंगाई पर चर्चा करेंगे तो उन्हें देश की जनता को जवाब देना पड़ेगा. देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. इसकी चर्चा करने के बजाए प्रधानमंत्री लोगों का ध्यान भटकाने के लिए धार्मिक उन्मांद फैलाने का काम कर रहे हैं ताकि आने वाले चुनावों में उन्हें धर्म के नाम पर वोट मिल जाए लेकिन देश की जनता उन्हें अच्छी तरह से समझ चुकी है.