मजदूर की बेटी ने किया कमाल, बिहार के इस ट्रस्ट की मदद से पहुंची IIT धनबाद

हमारे देश में टैलेंट की कमी नहीं है, कमी है तो बस एक मौके की. बता दें कि पटना के पोस्टर बैनर लगाने वाले मजदूर की बेटी ने निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर आईआईटी धनबाद में एडमिशन ले चुकी हैं.

हमारे देश में टैलेंट की कमी नहीं है, कमी है तो बस एक मौके की. बता दें कि पटना के पोस्टर बैनर लगाने वाले मजदूर की बेटी ने निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर आईआईटी धनबाद में एडमिशन ले चुकी हैं.

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Vineeta Kumari
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मजदूर की बेटी ने किया कमाल( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

हमारे देश में टैलेंट की कमी नहीं है, कमी है तो बस एक मौके की. बता दें कि पटना के पोस्टर बैनर लगाने वाले मजदूर की बेटी ने निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर आईआईटी धनबाद में एडमिशन ले चुकी हैं. भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य सह पूर्व राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा एक ऐसा ट्रस्ट चला रहे हैं, जो गरीब बच्चों को आगे बढ़ने का एक मौका प्रदान कर रहा है और इस संस्थान ने ना जानें कितने बच्चों को सपने देखने और उसे पूरा करने का मौका दिया. इस ट्रस्ट का उद्देश्य जरूरतमंद लोगों को शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार एवं स्वरोजगार के क्षेत्र में मदद करना है.

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बता दें कि कोरोना काल में 7 आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स सफलता पाने में सफल रहे और इसके अलावा गरीब मेधावी बच्चों को  2 वर्ष के लिए उनके रहने, खाने, हॉस्टल पठन सामग्री आदि की व्यवस्था के साथ गहन कोचिंग की व्यवस्था संस्था करता है, ताकि जब ये आईआईटी में प्रवेश परीक्षा में शामिल हों, तो पूरे आत्मविश्वास के साथ परीक्षा में बैठ सकें और बढ़िया से बढ़िया परिणाम प्राप्त कर सके.

साथ ही ट्रस्ट के कुल सात बच्चे आईआईटी और एनआईटी में चुने गए. छात्रों को दो वर्षों तक रहने, खाने और पढ़ाई की निःशुल्क व्यवस्था के अलावे पढ़ाई करने के लिए लैपटॉप और सेमेस्टर शुल्क भी संस्थान के द्वारा दिया गया. 

ट्रस्ट कैसे करते हैं बच्चों का चुनाव
इस संस्थान में चयनित होने के लिए एक टेस्ट का आयोजन किया जाता है और जो भी छात्र इसमें चयनित होते हैं. उन्हें यह सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती है. सफल स्टूडेंट्स देश के शीर्षत: संस्थानों में चयनित होने के बाद भी एडमिशन फीस तक भी जुटा पाने में सक्षम नहीं थे. अवसर ट्रस्ट ने निर्णय लिया कि सभी बच्चों के पूरे साल की पढ़ाई और हॉस्टल का खर्च भी अवसर ट्रस्ट ही उठाएगा।.

इन बच्चों को मिली सफलता

1. पटना में पोस्टर बैनर लगाने वाले मजदूर की बेटी "AWASAR" ट्रस्ट से निःशुल्क पढ़कर  अब IIT DHANBAD पहुंच चुकी है.

2. गिरिडीह के मोमबत्ती विक्रेता का बेटा "अवसर" शैक्षणिक संस्थान से नि:शुल्क पढ़कर IIT BHU पहुंचा.

3. मोकामा का रहने वाला अभिषेक के पिताजी की नौकरी कोरोना में चली गई थी. जिसके बाद से आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार के लिए एक बार फिर से पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा की संस्था मसीहा बना . नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण करके अभिषेक IIT ROORKEE पहुंचा. इसका jee advanced में रैंक 245 था.

4. प्राईवेट सिक्योरिटी गार्ड का बेटा दिवाकर सिंह सोनपुर का रहने वाला है, jee MAIN में 99.54 परसेंटाइल अंक लाकर बिहार को पिछले वर्ष गौरवान्वित किया था . अब IIIT ALLAHABAD पहुंच चुका है. इसके अलावा कई गरीब स्टूडेंट्स ने निःशुल्क पढ़कर सफलता पाया है.

Source : News Nation Bureau

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