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बिहार में बारिश होने से पहले डरा रही कोसी, जलस्तर में हो रहा उतार-चढ़ाव

नेपाल में लगातार हो रही बारिश से कोसी नदी का जलस्तर को एक बार फिर बढ़ गया है. रविवार को कोसी नदी का जलस्तर 1.40 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया था, जिसके बाद नदी के जलस्तर में फिर कमी आने लगी.

Updated on: 19 Jun 2023, 09:34 PM

highlights

  • कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रहा उतार-चढ़ाव
  • नेपाल में बारिश होने की वजह से हो रहा उतार-चढ़ाव
  • सुपौल जिले का प्रशासन स्पर सुरक्षित करने में जुटा
  • हर साल कहर ढाती रही है कोसी

Supaul:

बिहार की सीमा से सटे पड़ोसी देश नेपाल में लगातार हो रही बारिश से कोसी नदी का जलस्तर को एक बार फिर बढ़ गया है. रविवार को कोसी नदी का जलस्तर 1.40 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया था, जिसके बाद नदी के जलस्तर में फिर कमी आने लगी. वहीं रविवार की देर रात हुई मूसलाधार बारिश के बाद कोसी नदी के जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगा और सोमवार की सुबह 8:00 बजे से सुबह 10:00 बजे यानी मात्र दो घंटे के भीतर नदी के जलस्तर में लगभग 30 हजार क्यूसेक की बढ़ोतरी हुई. हालांकि इसके बाद दोपहर 12 बजे तक नदी का जलस्तर 1.04 लाख क्यूसेक तक पहुंचा.

बारिश थमी तो मिली राहत

राहत की बात यह है कि तत्काल बारिश थम गई है और नदी के जलस्तर में गिरावट हो रही है, लेकिन बारिश का दौर थमा नहीं है.  अभी मानसून ने अपनी पकड़ बनाना शुरू ही किया है. जैसे-जैसे बारिश के दिन आएंगे, वैसे वैसे कोसी नदी के जलस्तर में व्यापक बढ़ोतरी होगी. हालांकि इस छोटी सी बारिश से ही कोसी पूर्वी तटबंध के किनारे जलजमाव दिखने लगा है. यानी सीपेज का पानी अब नदी से बाहर निकल कर तटबंध की तरफ दिखाई देने लगा है. जिससे स्पष्ट होता है कि कोसी नदी अपने स्वाभाविक रूप में आने लगी है.

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कटाव की भी सता रही लोगों को चिंता

इस बीच कोसी नदी के भारतीय प्रभाग स्थित पूर्वी कोसी तटबंध के 7.85 किलोमीटर स्पर पर रविवार की शाम से ही कटाव तेज हो गया है, जहां बाढ़ संघर्षनात्मक कार्य करा कर स्पर को सुदृढ करने की कोशिश अभियंताओं द्वारा की जा रही है. आपको बता दें कि यह वहीं स्पर है, जहां इसी वर्ष बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक कार्य के तहत 3 करोड़ की लागत से स्पर के सुदृढ़ीकरण का कार्य कराया गया था. जहां स्पर को मजबूत करने के लिए बोल्डर क्रेटिंग का कार्य करा दिया गया. लेकिन कोसी नदी के संभावित पश्चिम की ओर बहाव के पूर्वानुमान को देखते हुए अभियंताओं को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि 7.85 किमी पर नदी पहले ही बारिश में कटाव लगाना शुरू करेगी और बाढ़ संघर्षनात्मक कार्य कराया जाएगा.

स्पर को किया जा रहा है सुरक्षित

जानकारी अनुसार बाढ़ संघर्षनात्मक कार्य से पहले बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक कार्य के तहत स्पर के सुदृढ़ीकरण तो कराए गए लेकिन परकोपाइन का कार्य नहीं कराया गया. अब बाढ़ अवधि में जब कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया है और नदी का बहाव इस स्पर से होते हुए गुजर रही है तो युद्ध स्तर पर स्पर को सुरक्षित रखने के लिए बाढ़ संघर्षनात्मक कार्य कराए जा रहे हैं. जहां लगभग 150 मजदूर इस कार्य में लगे हुए हैं, इसके लिए बालू का संग्रहण कर लिया गया है और विभाग द्वारा आवंटित एनसी बैग में बालू भरकर गेविएन बनाकर स्पर के बगल बगल पानी में डाला जा रहा है, ताकि स्पर को सुरक्षित किया जा सके.

रिपोर्ट: केशव कुमार