जानिए कचरा बबीता के सफलता का कैसे बना कारण, आज गांव की महिलाओं को दे रही हैं रोजगार

प्लास्टिक का कचरा जिसे हम बेकार समझकर फेंक देते हैं, लेकिन मुजफ्फरपुर की बबीता ने इस कचरे का इस्तेमाल कर कामयाबी का रास्ता बना लिया है. जिसके लिए उन्हें पुरस्कार भी दिया गया है.

author-image
Rashmi Rani
New Update
babita

बबीता( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

प्लास्टिक का कचरा जिसे हम बेकार समझकर फेंक देते हैं, लेकिन मुजफ्फरपुर की बबीता ने इस कचरे का इस्तेमाल कर कामयाबी का रास्ता बना लिया है. जिसके लिए उन्हें पुरस्कार भी दिया गया है. केवल अपने लिए ही नहीं बल्कि गांव की महिलाओं के लिए भी उन्होंने रोजगार सृजित किया है. प्लास्टिक के कचरे से सजावटी सामान को बनाकर गांव की महिलाओं के आजीविका का सहारा बनी हैं. पूरे जिले में उनकी सराहना हो रही है. 

Advertisment

महिलाओं के लिए मिशाल बनी बबीता 

बबीता ने महिलाओं के साथ बैठाकर कचरे से सजावटी समान बनाकर एक मिशाल पेश किया है. जिसके लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय आयोजित एक समारोह में पुरस्कार दिया गया है. महिला दिवस के अवसर पर 'स्वच्छ सुजल  'स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023 पुरस्कार' से उन्हें सम्मानित किया गया है. उन्हें सम्मान मिलने से पूरे मुजफ्फरपुर की महिलाओं में खुशी की लहर दौड़ गई है. बबीता ने सफलता का माध्यम कचरा को बनाया है. अक्सर लोग प्लास्टिक को कचरे समझकर फेंक देते हैं, लेकिन बबीता ने उस कचरे से फूल के गुलदस्ते बनाए हैं. 

बबीता के प्रयास से पर्यावरण को मिला लाभ 

बबीता के इस प्रयास से पर्यावरण को भी लाभ मिल रहा है. बबिता कचरे से कृत्रिम फूलों के गुलदस्ते, कतरनों, पेंडेंट, पाउच, पर्स और बैग जैसी सजावटी वस्तुओं में बेकार प्लास्टिक को रचनात्मक रूप से उपयोग कर रही हैं. बबिता ना केवल बेकार प्लास्टिक के पुन: उपयोग को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि पर्यावरण पर इसके नकारात्मक प्रभाव को भी कम कर रही हैं.

यह भी पढ़ें : तीन साल बाद नाबालिग छात्रा को मिला न्याय, अपराधियों ने बर्बरता की सारी हदें की थी पार, जानिए क्या है पूरा मामला

पति हो गया था दिव्यांग 

बबीता ने बताया कि परिवार में सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन अचानक उनके पति दिव्यांग हो गये. जिसके बाद बबीता पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई और फिर उन्होंने ये रास्ता चुना. उन्होंने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी के देख रेख व उनके प्रयास से आज वह सफल हो रही हैं. 

HIGHLIGHTS

  • कचरे से सजावटी सामान को बनाकर गांव की महिलाओं को दे रही हैं रोजगार
  •  नई दिल्ली में केंद्रीय आयोजित समारोह में बबीता को दिया गया पुरस्कार 
  • बबीता के इस प्रयास से पर्यावरण को भी मिल रहा है लाभ 

Source : News State Bihar Jharkhand

bihar police muzaffarpur crime news Muzaffarpur Police muzaffarpur-news Bihar News
      
Advertisment