गया जिला मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर केंदुई गांव है और गांव में एक भी मुस्लिम समाज के लोग नहीं रहते हैं, लेकिन इस गांव में एक मस्जिद स्थित है. इस मस्जिद में सुबह और शाम दोनों वक्त साफ सफाई के साथ-साथ पूजा पाठ भी हिन्दू समाज के लोगों द्वारा किया जाता है. गांव के लोग इस मस्जिद का देखभाल करते हैं, मस्जिद से गांव के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है. होली पर्व मानाने के पहले इस मस्जिद में पूजा पाठ करते हैं, उसके बाद गांव के मंदिरों में पूजा पाठ करते हैं. उसके बाद ही गांव के लोग होली मनाते हैं.
वंही इस मस्जिद के बारे में गांव के लोग बताते हैं कि यह मस्जिद 200-300 साल पुराना है. ज्ञात हो कि जंहा देश में हिन्दू मुस्लमान के नाम पर सदभाव बिगाड़ने की कोशिश और नमाज व हनुमान चालीसा के नाम पर विवाद का दौर चल रहा है. वहीं गया जिला का यह गांव आपसी सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करता है. वहीं गांव के लोग बताते हैं कि यह अनवर साह की दरगाह और मजार है. गांव में बना हुआ यह मजार दो सौ से पूर्व पुराना है.
गांव के लोगों ने बताया कि कैसे उनके पूर्वज बताते थे कि केंदुई गांव स्वतंत्रा सेनानियों का गांव है और इस गांव में दाता अनवर साह एक फ़क़ीर के रूप में गांव में आये थे. जब वह इस गांव में आये थे, उस समय गया में बारिश नहीं हो रही थी और अकाल पड़ने जैसा समय आ गया था. जिसके बाद उनके द्वारा कुछ टोटका बताया गया था और उस टोटका को करने के बाद बारिश होने लगी. उसके बाद से ही अनवर साह यहां रहने लगे, जब उनकी मृत्यु हो गई तो एक समस्या गांव में उत्पन्न हो गई. जिसके बाद उनको मुस्लिम रीति रिवाज से दफनाया गया और हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया.
गांव में मुस्लिम समाज के एक भी लोग नहीं थे तो आस पास के गांव के मुस्लिम समाज के लोगों को बुलाकर उनको दफनाया गया और उसके बाद एक मजार बनाया गया.
Source : News Nation Bureau