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Khelo India Youth Games (social media)
आयुष कुमार के लिए यह मिली-जुली भावनाओं का दिन था. आयुष की टीम ने मंगलवार को खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के रोमांचक फाइनल में मणिपुर से 1-2 से हारने के बाद सेपक टकरा (Sepak Takraw) में ऐतिहासिक रजत पदक जीता. इसके कुछ घंटे पहले उनके दादा का देहांत हो गया था. आयुष ने हालांकि इसके बावजूद खेल जारी रखा. अंतिम सिटी बजने तक कोर्ट पर बने रहे. उधर, मणिपुर की लड़कियों ने फाइनल मुकाबले में केरल को 2-0 से हराकर पोडियम पर अपने राज्य के लड़कों के साथ शीर्ष पर रहते हुए अपना दबदबा बनाए रखा.
प्रतियोगिता के अंत तक खेलना जारी रखा
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 बिहार में पहली बार शामिल किए गए सेपक टकरा (Sepak Takraw) के फाइनल मैच खचाखच भरे दर्शकों के सामने खेले गए. यह बात राज्य के इस खेल के प्रति बढ़ते जुनून को दर्शाता है. यह खेल अब इसके 14 प्राथमिकता वाले खेलों में से एक है. टीम इवेंट में तीसरे रेगु के सदस्य आयुष ने अपने 78 वर्षीय दादा के निधन के कारण व्यक्तिगत क्षति होने के बावजूद मुकाबले में भाग लिया और मानसिक तौर पर बेहद विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए उन्होंने प्रतियोगिता के अंत तक खेलना जारी रखा.
उधर, एक कोने में उनकी 19 वर्षीय बहन खुशबू, जो खुद सेपक टकरा की खिलाड़ी हैं ने अपने छोटे भाई के लिए चीयर करते हुए अपने दुख को कम करने की कोशिश की. आखों में आंसू लिए और घर पर होने वाले अनुष्ठानों के बारे में अपडेट रहने के लिए हाथ में फोन के साथ, वह खुद को मजबूत बनाए रखने में कामयाब रहीं, लेकिन अक्सर अकेले में रोने के लिए वह अलग हट जाती थीं, ताकि यह तय हो सके कि आयुष खेल पर ध्यान केंद्रित रखे.
आयुष ने कोर्ट पर अपनी भावनाओं को काबू में रखा
खुशबू ने मीडिया से कहा, " दादा कुछ समय से अस्वस्थ थे. पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में थे. हम उम्मीद कर रहे थे कि वे ठीक हो जाएंगे, लेकिन आज उनका निधन हो गया. वे हम दोनों के बहुत करीब थे और आज शायद आयुष के करियर का अब तक का सबसे बड़ा दिन है." शहर के एक ऑटो चालक के घर जन्मे आयुष और उनकी बहन ने चार साल पहले ही इस खेल में अपनी यात्रा शुरू की थी, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि केआईवाईजी पदक न केवल उन्हें बल्कि अन्य उभरते एथलीटों को सेपक टकरा को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करेगा. इस झटके के बावजूद 14 वर्षीय आयुष कोर्ट पर अपनी भावनाओं को काबू में रखने में कामयाब रहे, क्योंकि बिहार की टीम ने पूरे मैच में प्रभावशाली प्रदर्शन किया और आखिरकार दूसरे स्थान पर रही.
पुरुषों के फाइनल में तीसरे रेगु के अंतिम सेट तक मुकाबला किसी के भी पक्ष में जाता दिख रहा था. मणिपुर ने पहला रेगु आसानी से जीतने के बाद, बिहार ने वापसी करते हुए दूसरा रेगू जीता और मुकाबले को निर्णायक अंतिम रेगू तक ले गया. फाइनल रेगु में, मणिपुर ने 1-0 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए अगले दो सेट जीते और आखिरकार पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल किया.
इसके विपरीत, महिलाओं के फाइनल में एकतरफा मुकाबला देखने को मिला. इसमें मणिपुर की लड़कियों ने पूरे मैच में कोर्ट पर अपना दबदबा बनाए रखा. इससे पहले, मणिपुर ने पहले सेमीफाइनल में आंध्र प्रदेश को 2-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया, जबकि केरल ने हरियाणा को इसी अंतर से हराकर खुद को स्वर्ण पदक की दौड़ में बनाए रखा. पुरुष टीम इवेंट का कांस्य आंध्र प्रदेश औऱ दिल्ली को मिला जबकि महिला वर्ग में नागालैंड और दिल्ली ने सफलता हासिल की.
ये है परिणाम:
पुरुष टीम फाइनल: मणिपुर ने बिहार को 2-1 (8-15, 15-8, 15-9) (11-15, 12-15, 15-11) (8-15, 8-15) से हराया. कांस्य पदक: आंध्र प्रदेश और दिल्ली.
महिला टीम फाइनल: मणिपुर ने केरल को 2-0 (15-4, 15-7) 15-7, 15-9) से हराया; कांस्य पदक: नागालैंड और दिल्ली.
खेलो इंडिया यूथ गेम्स
खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया प्रोग्राम का हिस्सा हैं,जिसे 14 अक्टूबर, 2017 को लॉन्च किया गया था. खेलो इंडिया का उद्देश्य खेलों में व्यापक भागीदारी और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के दोहरे उद्देश्य को प्राप्त करना है. इस प्रोग्राम ने भारत की खेल सफलता में बहुत योगदान दिया है, जिसमें कई खेलो इंडिया एथलीट ओलंपिक और एशियाई खेलों समेत वैश्विक आयोजनों में देश का प्रतिनिधित्व करते हैं. बिहार 4-15 मई तक राज्य के पांच अलग-अलग शहरों और दिल्ली में खेलो इंडिया यूथ गेम्स के सातवें संस्करण की मेजबानी कर रहा है. केआईवाईजी 2025 में 27 खेल शामिल हैं और पहली बार ईस्पोर्ट्स को एक डेमो गेम के रूप में शामिल किया गया है.