Khelo India Games: खिताबी मुकाबले में स्वर्ण पर निशाना साधेंगे सरवेश, बोले- स्कॉलरशिप ने तीरंदाजी में आने के लिए किया प्रेरित

बिहार में जारी खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में तीरंदाजी अंडर-18 प्रतियोगिता भागलपुर में आयोजित की गई है। इन खेलों में तमिलनाडु के युवा तीरंदाज स्मरण सरवेश ने अपनी चुनौती को पेश की है

बिहार में जारी खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में तीरंदाजी अंडर-18 प्रतियोगिता भागलपुर में आयोजित की गई है। इन खेलों में तमिलनाडु के युवा तीरंदाज स्मरण सरवेश ने अपनी चुनौती को पेश की है

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Mohit Saxena
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सरवेश (social media)

बिहार में जारी खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में तीरंदाजी अंडर-18 प्रतियोगिता भागलपुर में आयोजित हो रही है. सैंडिस कंपाउंड में हो रहे इन खेलों में तमिलनाडु के युवा तीरंदाज स्मरण सरवेश ने अपनी चुनौती को पेश किया है. वह तमिलनाडु के इकलौते खिलाड़ी हैं जो खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में  इस वर्ग में अपने राज्य की अगुवाई कर रहे हैं. सरवेश खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में तीरंदाजी में पुरुषों के रिकर्व व्यक्तिगत स्पर्धा फाइनल में एंट्री  ली है और अब गुरुवार को वह अपने खिताबी मुकाबले में स्वर्ण पर निशाना साधेंगे. सरवेश की मां तमिलनाडु में सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस यानी की एसपी के पद पर आसीन हैं. अब उनका बेटा तीरंदाजी में स्वर्ण पर निशाना साधेगा. फाइनल में गुरुवार को सरवेश का सामना महाराष्ट्र के उज्जवल भरत ओलेकर से होगा. 

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देहरादून में अपने कैटिगरी में टॉप-8 में थे

सरवेश के अनुसार,'मुझे उम्मीद है कि बीते दो टूर्नामेंटों में उन्होंने जो गलतियां की थीं वो यहां पर नहीं दोहराएंगे. पहले राउंड में मेरा प्रदर्शन उतना बेहतर नहीं था, लेकिन आज मैं एक अलग माइंडसेट के साथ उतरा. मैंने पूरे मन से आज अपना खेल खेला. मुझे उम्मीद है कि फाइनल में मैं इस बार गोल्ड जीतकर ही लौटूंगा.'' 16 साल के सरवेश अब तक तीन चैंपियनशिप में भाग ले चुके हैं. पहली बार उन्होंने सितंबर 2024 में ताइपे में आयोजित यूथ इंटरनेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया. यहां पर वो चौथे स्थान पर रहे थे. इसके बाद उन्होंने इस साल फरवरी में थाइलैंड के बैंकॉक में आयोजित एशिया कप भी भाग लिया. साथ वह फरवरी में देहरादून में अपने कटेगरी में टॉप-8 में थे.

उन्होंने कहा,'जब मैं पांच साल का था तभी से मेरी मां चाहती थी कि मैं शूटिंग में जाऊ. लेकिन इसे शुरू करने के लिए आपको कम से कम आठ साल की उम्र होना जरूरी है. उनकी मां को लगता था कि शूटिंग शुरू करने के लिए कुछ प्रैक्टिस हो जाए. दोनों एक जैसा ही खेल हैं इसलिए मैंने प्रैक्टिस के दौरान तीरंदाजी शुरू कर दी.'  

हर माह 10,000 रुपये मिलते हैं

खेलो इंडिया स्कीम के तहत खिलाड़ियों को हर माह 10,000 रुपये मिलते हैं. सरवेश भी उस स्कीम में शामिल हैं. सरवेश ने हाल में 10वीं कक्षा की परीक्षा दी है. उन्हें अपने राज्य तमिलनाडु से तो स्कॉलरशिप मिल रही है. इसके साथ रिलायंस फाउंडेशन से भी स्कॉलरशिप मिलना आरंभ हो चुकी है. 

तमिलनाडु के इस युवा खिलाड़ी ने स्कॉलरशिप से​ मिलने वाले लाभ के बारे में बात करते हुए कहा,'मैं भी खेलो इंडिया के स्कीम का हिस्सा हूं. एक युवा खिलाड़ी को इससे काफी मदद मिलती है. स्कीम के अलावा भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) और खेल महासंघ से हमें फुल सपोर्ट प्राप्त हो रहा है. जब स्कॉलरशिप मिलने लगी तो मेरा मन इस खेल में लगने लगा. इस उम्र में जब आप करियर बनाना   शुरू करते हैं तो स्कॉलरशिप काफी मदद करती है.''  

यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतना है टारगेट

यह पूछे जाने पर कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के बाद आपका अगला लक्ष्य क्या है? तो उन्होंने कहा,'मेरा अगला टारगेट इस साल कनाडा में अगस्त में होने वाले यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतना है. इस चैंपियनशिप के लिए 22 तारीख को पुणे में ट्रॉयल्स होना है. मेरा अगला लक्ष्य इस टूर्नामेंट में चैपियन बनना है. लेकिन फिलहाल अभी मेरा सारा ध्यान खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 पर है और मैं इसमें पदक जीतकर अगले इवेंट में जाना चाहता हूं.'

Bihar Khelo India Games
      
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