कटिहार: गलत ट्रीटमेंट से गई गर्भ में पल रहे बच्चे की जान, प्रशासन पर उठे सवाल

बिहार के कटिहार के अमदाबाद से स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी लापरवाही की खबर सामने आई है, जहां गलत ट्रीटमेंट की वजह से गर्भ में पल रहे बच्चे की जान चली गई.

बिहार के कटिहार के अमदाबाद से स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी लापरवाही की खबर सामने आई है, जहां गलत ट्रीटमेंट की वजह से गर्भ में पल रहे बच्चे की जान चली गई.

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Vineeta Kumari
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गलत ट्रीटमेंट से गई गर्भ में पल रहे बच्चे की जान( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

बिहार के कटिहार के अमदाबाद से स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी लापरवाही की खबर सामने आई है, जहां गलत ट्रीटमेंट की वजह से गर्भ में पल रहे बच्चे की जान चली गई. परिजनों ने हंगामा कर अल्ट्रासाउंड के स्टॉफ को प्रशासन के हवाले कर दिया. मामला अमदाबाद प्रखंड अंतर्गत बबला बनना गांव का है, जहां पीड़ित परिवार ने थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ित परिवार ने डॉक्टर और अल्टासाउंड करने के ऊपर गलत ट्रीटमेंट करने का आरोप लगाते हुए बताया कि 24 तारीख को गर्भ में पल रहे बच्चे की जांच करने अतिरिक्त स्वास्थ केंद्र दुर्गापुर आए थे, जहां उनकी इलाज के बाद अल्ट्रासाउंड की सलाह दी गई.

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गलत ट्रीटमेंट से गई गर्भ में पल रहे बच्चे की जान

जहां प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के सामने आयुष्मान डायग्नोस्टिक सेंटर पर अपना अल्ट्रासाउंड कराया. तत्पश्चात उनका अल्ट्रासाउंड करने वाले पप्पू शुक्ला उर्फ उमाकांत शुक्ला व पिंटू मंडल ने अल्ट्रासाउंड किया. अल्ट्रासाउंड के बाद बच्चा स्वस्थ होने की बात कही गई और गैस की समस्या बताया. जिसके बेहतर इलाज के लिए झोला छाप डॉक्टर अनिल कुमार से इलाज कराने की सलाह दी. जिसका इलाज झोला छाप डॉक्टर अनिल कुमार ने किया और उन्हें गैस का आयुर्वेदिक के साथ होम्योपैथिक की दवाई दी.

अल्ट्रासाउंड के बाद बिगड़ी तबीयत

दवाई सेवन के बाद गर्भवती महिला को पेट में दर्द के साथ ही बेचैनी होने लगी. जिसे इलाज कराने अतरिक्त स्वस्थ केंद्र दुर्गापुर लाया गया जहां डॉक्टरों ने प्रसव कराया, जहां बच्चे को मृत बता दिया गया, लेकिन प्रसव करने से पहले डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा पेट में मर चुका है. प्रसव के बाद बच्चे के शरीर का निचला हिस्सा देखने पर प्रतीत होता है कि काला पर चुका है. परिजन समझने लगे कि गलत दवाई के कारण बच्चे की स्थिति ऐसी है.

परिजन ने जमकर किया हंगामा

इस संदर्भ में जब झोलाछाप डॉक्टर अनिल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह सिर्फ गैस की दवाई और होम्योपैथिक दवाई दी गई, लेकिन सवाल यह है कि ऐसे झोलाछाप डॉक्टर  खुद अपने क्लिनिक में दवाई कैसे बेच सकते हैं. ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? इसके साथ ही जब देश में अल्ट्रासाउंड अवैध है, तो कैसे फल फूल रहा है. फिलहाल अल्ट्रासाउंड के कंपाउंडर पिंटू मंडल और एक बाइक को अमदाबाद प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है. वहीं, अल्ट्रासाउंड के ऑनर पप्पू शुक्ला मौके से फरार है.

HIGHLIGHTS

  • कटिहार में झोलाछाप डॉक्टर ने ली जान
  • गर्भ में पल रहे बच्चे की गई जान
  • प्रशासन पर उठे कई सवाल

Source : News State Bihar Jharkhand

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