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राजद्रोह मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो सुनवाई : कन्हैया कुमार

दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य पर 2016 के राजद्रोह मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है.

Updated on: 29 Feb 2020, 02:02 PM

highlights

  • फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल की मांग रखी है कन्हैया कुमार ने.
  • कानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किए जाने की मांग भी रखी.
  • नौ फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में लगाए थे देश विरोधी नारे.

नई दिल्ली:

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) पर दिल्ली सरकार द्वारा देशद्रोह (Sedation) मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी गई है. कन्हैया कुमार ने इस मामले में दिल्ली सरकार को धन्यवाद देते हुए इसकी सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की मांग की है. कन्हैया ने दिल्ली सरकार द्वारा देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति देने के बाद अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, 'दिल्ली सरकार को देशद्रोह मामले की मंजूरी देने के लिए धन्यवाद. दिल्ली पुलिस और सरकारी वकीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और टीवी वाली 'आपकी अदालत' की जगह कानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए. सत्यमेव जयते.'

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फास्ट ट्रैक कोर्ट की जरूरत
कन्हैया ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'राजद्रोह मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरूरत इसलिए है, ताकि देश को पता चल सके कि कैसे देशद्रोह कानून का दुरुपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है.' उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य पर 2016 के राजद्रोह मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है.

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2016 में लगाए थे देश विरोधी नारे
गौरतलब है कि नौ फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और मकबूल बट को दी गई फांसी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया गया था. इस मामले में कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बान को गिरफ्तार किया गया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने देश विरोधी नारेबाजी का समर्थन किया था. कन्हैया उस वक्त जेएनयूएसयू के अध्यक्ष थे. इस गिरफ्तारी के खिलाफ देशभर में अलग-अलग विश्वविद्यालय परिसरों में विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला था. हालांकि, बाद में तीनों को जमानत दे दी गई थी.