कुपवाड़ा में शहीद हुए कमलेश को नम आंखों से विदाई, 'भारत माता की जय' के लगे नारे
शुक्रवार को शहीद हुए भारतीय सेना के जवान कमलेश कुमार का पार्थिव शरीर जब रविवार को उनके घर पहुंचा तो पूरे गांव में गम का माहौल दिखा.
highlights
- शुक्रवार को कुपवाड़ा में शहीद हुए थे कमलेश कुमार
- शनिवार को शहीद का पार्थिव शरीर पटना लाया गया
- रविशंकर प्रसाद पहुंचे शहीद की अंतिम यात्रा में
पटना:
शुक्रवार को शहीद हुए भारतीय सेना के जवान कमलेश कुमार का पार्थिव शरीर जब रविवार को उनके घर पहुंचा तो पूरे गांव में गम का माहौल दिखा. लोग एक दूसरे को ढांढस बंधा रहे थे तो वहीं भारत माता की जय के नारे भी लगाए जा रहे थे. पूरा गांव शहीद कमलेश अमर रहे के नारे से गूंज रहा था. बिहार के बख्तियारपुर के लखनपुरा के रहने वाले कमलेश शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद हो गए थे.
पाकिस्तान की ओर से हुई गोलाबारी में शुक्रवार को शहीद हुए कमलेश की यह पहली पोस्टिंग थी. जब कमलेश की ट्रेनिंग खत्म हुई थी तब कमलेश गांव आए थे. लेकिन दोबारा उनके शहीद होने की खबर गांव में मिली. 19 साल के कमलेश का पार्थिव शरीर शनिवार की शाम को पटन लाया गया.
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जहां शहीद का पार्थिव शरीरी दानापुर कैंट में रखा गया था जिसे रविवार की सुबह दानापुर से उनके पैतृक गांव लखनपुरा लाया गया. शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. ज्यादातर लोगों ने हाथ में तिरंगा ले रखा था. शनिवार को शहीद का पार्थिव शरीर जब पटना पहुंचा था तो बिहार सरकार का कोई भी मंत्री या बड़ा अधिकारी पटना एयरपोर्ट नहीं पहुंचा था.
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पटना एयरपोर्ट पर सेना के अधिकारियों ने कमलेश को गार्ड ऑफ ऑनर दिया था. शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए केंद्र सरकार में मंत्री और पटना सिहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद भी पहुंचे हैं.
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