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कैमूर परिवहन विभाग का 'कारनामा', वाहन चालकों पर ठोका लाखों का जुर्माना

कैमूर जिले में परिवहन विभाग की लापरवाही का दंश वाहन चालक झेलने को मजबूर हैं.

Updated on: 13 Sep 2022, 05:34 PM

Kaimur:

कैमूर जिले में परिवहन विभाग की लापरवाही का दंश वाहन चालक झेलने को मजबूर हैं. दरअसल विभाग ने ओवरलोड गाड़ियों पर लगाम कसने के लिए ऑनलाइन जुर्माना शुरू किया था, लेकिन विभाग के अधिकारी बिना जांच किए ही किसी भी गाड़ी पर लाखों का जुर्माना ठोक देते हैं. जिसके चलते वाहन चालक परिवहन कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हो गए हैं. कैमूर जिले में परिवहन विभाग के कारनामे इन दिनों सुर्खियां बटोर रही है. परिवहन विभाग के कारनामों से छोटे वाहनों के मालिक परेशान हो चुके हैं, और परिवहन विभाग के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं. दरअसल परिवहन विभाग ने टेंपो कार के नंबर पर बालू ओवरलोड ढूलाई करने के आरोप में लाखों रुपए का जुर्माना ठोक दिया. परिवहन विभाग की ओर से ऐसा एक या दो बार नहीं बल्कि सैकड़ों बार किया गया है. जहां गाड़ियों के नंबर पर बिना जांच पड़ताल किए ही जुर्माना लगा दिया गया. 

हालांकि ओवरलोड वाली गाड़ियों पर कार्रवाई के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी, एमवीआई और आरटीओ मौजूद हैं. बावजूद इसके सड़कों पर उतरने के बजाय दफ्तर परिवहन विभाग के अधिकारी बिना जांच में ही मनमाने ढंग से किसी भी वाहन पर लाखों का जुर्माना लगा देते हैं. एक तरफ बिना किसी गुनाह के वाहन चालकों पर लाखों का जुर्माना लगाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बालू लदे ओवरलोड वाहन ऑनलाइन जुर्माना से बचने के लिए टेंपो, कार और ई रिक्शा का नंबर प्लेट लगाकर सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ लगा रहे हैं.

परिवहन विभाग के इस लापरवाह रवैये से वाहन चालक परेशान हैं. दरअसल कैमूर जिले में बालू लदे ओवरलोड ट्रकों का परिचालन बदस्तूर होता है. ऐसे वाहनों पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग ने ऑनलाइन जुर्माना करना शुरू कर दिया था, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही ऐसी कि दफ्तर में बैठे-बैठे किसी भी नंबर प्लेट की गाड़ी पर ऑनलाइन जुर्माना लगा देते हैं. पिछले 6 महीने में विभाग ने ऐसे वाहनों पर 14 करोड़ का जुर्माना लगाया है. इनमें से कुछ गाड़ियां तो ऐसी है गुजरात, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की हैं. ये गाड़ियां कभी कैमूर के टोल प्लाजा से होकर भी नहीं गुजरी, लेकिन परिवहन विभाग ने इनपर जुर्माना ठोक दिया है. वहीं, मामले को लेकर जिले के प्रभारी जिला परिवहन पदाधिकारी का कहना है कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. अगर जांच में परिवहन विभाग की लापरवाही सामने आई तो उचित कार्रवाई की जाएगी.

रिपोर्ट : रंजन त्रिगुण