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मानवीय संवेदनाओं के साथ पूरे समाज-व्यवस्था को झकझोर देती है जज मानवेंद्र मिश्र का यह फैसला

उसकी मां भी नित्य क्रिया क्रम के लिए उसी पर आश्रित है. काउंसलिंग के दौरान आरोपी किशोर ने स्वीकार किया कि वह आर्थिक आभाव ग्रस्तता की वजह से चोरी जैसे अपराध करने को विवश हो गया था.

Updated on: 24 Apr 2020, 01:03 AM

नई दिल्ली:

बेशक नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी सह अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने एक ऐसा फैसला दिया है, जो मानवीय संवेदनाओं के साथ पूरे समाज-व्यवस्था को झकझोर देती है. साथ ही उन्होंने शासन को जो निर्देश दिए हैं, वे अंतिम पायदान पर खड़े चौथी दुनिया को एक सबलता प्रदान करती है. साथ ही साथ समाज को एक आईना दिखाने का कार्य कर रही है. जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी सह अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र की अदालत ने एक अहम फैसला लेते हुए इसलामपुर थाना कांड संख्या-122/20 एवं जेजेबी-146/20 मामले के आरोपी एक किशोर को रिहा कर दिया और उसके व उसके असहाय परिजन की विपन्नता को लेकर पुलिस-प्रशासन को कई निर्देश भी दिए. मानसिक रुप से कमजोर उक्त किशोर पर चोरी का आरोप था.

प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी ने इसलामपुर थाना प्रभारी सह बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को प्रषित आदेश में लिखा है कि चोरी के आरोप में जिस विधि विरुद्ध किशोर को अभिलेख के साथ प्रस्तुत किया गया, उसने काउंसलिग के दौरान बताया कि उसके पिता की मृत्यु के पश्चात उसकी मां विक्षिप्त हो चुकी है, जिससे परिवार पोषण का दायित्व उसी के कंधे पर है. उसकी मां भी नित्य क्रिया क्रम के लिए उसी पर आश्रित है. काउंसलिंग के दौरान आरोपी किशोर ने स्वीकार किया कि वह आर्थिक आभाव ग्रस्तता की वजह से चोरी जैसे अपराध करने को विवश हो गया था.

ऐसी परिस्थिति में किशोर न्याय परिषद उक्त आरोपी किशोर को पर्वेक्षण गृह में आवासित करना न्यायोचित नहीं समझती है. अतएव निर्देश दिया जाता है कि उक्त किशोर को सुरक्षित उसके घर तक पहुंचा दें तथा इसके संरक्षण परिक्षण पर स्वंय अपने स्तर से ध्यान रखेंगे तथा रिहा किशोर के संबंध में प्रगति रिपोर्ट पर्त्येक चार माह पर किशोर न्याय परिषद को देंगें. जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी सह अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने संबंधित किशोर को विभिन्न सरकारी योजनाओं से आच्छादित करने की बाबत भी कई अहम निर्देश दिए हैं.

उन्होंने इसलामपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी को प्रेषित आदेश में कहा कि रिहा किशोर की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है. किशोर को बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को उसके परिवार से एकीकृत करने हेतु सौंपा गया है. किशोर परिस्थितिवश कुछ गलत कार्य करने को मजबूर प्रतीत होता है.अतएव प्रभावी परिवार को निम्नलिखित सरकारी योजना का लाभ मुहैया कराया जाना चाहिए, ताकि किशोर को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके और वह समाज की हर क्रियाकलाप को बखूबी समझ सके.प्रभावी परिवार को निम्नलिखित सरकारी योजना का लाभ मुहैया कराया जाना चाहिए.

राशन कार्ड, जिससे भोजन हेतु अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित हो. किशोर के माता को विधवा पेंशन से जोड़ा जाना आवश्यक है. इंदिरा आवास योजना के तहत गृह निर्माम हेतु अनुदान राशि प्रदान करना सुनिश्चित करना चाहिए. समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़े जाने हेतु आधार कार्ड, 60,000 से कम का आय प्रमाण पत्र, बीपीएल सूची में नाम, आवासीय प्रमाम पत्र, किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता खुलवाया जाना आदि सुनिश्चित किया जाना चाहिए. सरकार द्वारा संचालित अन्य कौशल विकास कार्यक्रम से किशोर को जोड़ा जाना, आदि.

जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी सह अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को रिहा किशोर के संरक्षण के लिए आवश्यक उपरोक्त सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाते हुए अधोहस्तक्षरी तथा जिला बाल संरक्षण ईकाई के निदेशक को प्रतिवेदित करने का भी निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने रिहाई के बाद पुलिस को सौंपने के दौरान आवश्यक खाद्य सामग्री, वस्त्र, किशोर की मां के लिए साड़ी आदि भी प्रदान किए. ताकि किशोर को घर पहुंचते ही भूख की कसक न मिले और उसे लगे कि कहीं न कहीं कोई ईश्वर है, जिसे उसकी चिंता है. इस अनोखी फैसले के बाद किशोर को भी यह उम्मीद है कि अब उनके आगे की जिंदगी आसान हो जाएगी और वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर अपना विकास निरंतर करेगा.