दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार को हुई हिंसा का राष्ट्रीय राजधानी में ही नहीं, बल्कि देश के अधिकतर हिस्सों में विरोध हो रहा है. बिहार में विपक्ष के साथ-साथ सत्ताधारी जेडीयू की सहयोगी बीजेपी ने इस घटना की निंदा की है. सूबे के डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जेएनयू जैसे शीर्षस्थ विश्वविद्यालय परिसर में हिंसा और तोड़फोड़ की घटना सर्वथा निंदनीय है. इसके साथ ही उन्होंने पिछली यूपीए सरकार पर भी हमला बोला.
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सुशील कुमार मोदी ने जेएनयू की घटना को हिंसा की राजनीति करने वाले छात्र संगठनों की आपसी गुटबाजी का नतीजा बताया.उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'जेएनयू की घटना हिंसा की राजनीति करने वाले छात्र संगठनों की आपसी गुटबाजी का नतीजा है, जिसमें विद्यार्थी परिषद के 25 से ज्यादा छात्रों को निशाना बनाया गया. गृहमंत्री अमित शाह ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, जिससे हमलावर जल्द ही बेनकाब होंगे.'
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में यूपीए सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने लिखा, 'जेएनयू जैसे शीर्षस्थ विश्वविद्यालय परिसर में हिंसा और तोड़फोड़ की घटना सर्वथा निंदनीय है. यूपीए सरकार ने अपने दस साल के शासन में देश के कुछ परिसरों में जिस तरह से बंदूक की गोली से सत्ता बदलने के सिद्धांत में भरोसा रखने वाले शहरी नक्सलियों को बढ़ावा दिया, उसी का परिणाम है कि ये परिसर हिंसा, संस्कृति विरोध और देशद्रोही गतिविधियां चलाने के अड्डे बनते जा रहे हैं.'
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इससे पहले बिहार में सभी पार्टियों के नेताओं ने कड़े शब्दों में जेएनयू की घटना की निंदा की और इसे 'देश के लिए शर्मनाक' बताया. जेएनयू की घटना की निंदा करते हुए जेडीयू ने इस पूरे मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग की. जेडीयू महासचिव के. सी. त्यागी ने कहा कि ऐसी घटनाएं शर्मनाक हैं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने कहा कि जेएनयू की घटना की जितनी भी निंदा की जाए, कम है. उन्होंने आगे कहा, 'ऐसी घटनाओं को अगर सख्ती से नहीं रोका गया और अपराधी प्रवृत्ति के वे लोग, जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है, उन्हें सख्त से सख्त सजा नहीं दिलाई गई तो लोगों का विश्वास सरकार और विश्वविद्यालयों से उठ जाएगा.'
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, 'छात्रों के साथ ऐसी घटना होना निंदनीय है. जेएनयू प्रशासन की प्राथमिकता वहां पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा है. विश्वविद्यालयों को राजनैतिक अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए.' इसके अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि सभी जानते हैं ये जेएनयू में छात्रों पर हमला किसके इशारे पर हुआ है. फीस कम करने के आंदोलन को लेकर ही ये हमला हुआ है. इस पर सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए.
Source : dalchand