जितिया का पर्व रविवार को मनाया जा रहा है. इस अवसर पर माताएं अपनी संतान की सलामती और लंबी आयु के लिए 24 घंटे निर्जला व्रत का अनुष्ठान करती है. अश्विनी मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को व्रत रखा जाता है. इसे जीत पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है. व्रत का पारण अगले दिन सोमवार को होगा. संत ने बताया कि संतान रक्षा हेतु पुत्रवती महिलाओं द्वारा रखे जाने वाले सभी व्रतों में जीवित्पुत्रिका सर्वश्रेष्ठ व्रत है. इसकी विशेषता यह है कि त्यौहार पितृपक्ष के मध्य यानी अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. पित्र देव वंश परंपरा को निरंतर चलाने वाले देव हैं लिहाजा इस वक्त पर पितरों का भी अपारशक्ति बरसती है. रामरेखा घाट पर दूर-दराज से भी लोग गंगा स्नान करने के लिए आए हुए हैं.
स्नान करने के बाद पंडितों द्वारा जगह जगह पर कथा का श्रवण हो रहा है. महिलाएं कथा का आनंद ले रही है और पूजा पाठ कर दान दे रही हैं. जीत पर्व को लेकर बाजार में दिनभर भीड़-भाड़ देखने को मिली, इसकी वजह से बाजार में जाम लगा रहा और लोगों का भीड़ की वजह से बाजार में पैदल भी चलना मुश्किल हो गया है. व्रत की तैयारी और पूजा पाठ के सामान की खरीदारी में लोग जुटे हुए हैं. वहीं जूतियां की गुथाई को लेकर लोग दुकानों पर भीड़ लगी हुई है.
Source : News Nation Bureau