जीतन राम मांझी का दावा, कहा-'विपक्षी दलों की बैठक के बाद होगा 'खेला', हम कभी नहीं थे महागठबंधन में'
बिहार की महागठबंधन सरकार से अलग होते ही जीतन राम मांझी ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि विपक्षी दलों की बैठक के बाद ही एक बड़ा खेला होगा.
highlights
- जीतन राम मांझी का बड़ा दावा
- जेडीयू खरीद-फरोख्त में रखती है विश्वास
- HAM का जेडीयू में विलय कराने की रखी गई थी शर्त
- कभी भी हम नहीं थे महागठबंधन दल में-मांझी
- 23 जून के बाद होने वाला है बड़ा खेला-मांझी
Patna:
बिहार की महागठबंधन सरकार से अलग होते ही जीतन राम मांझी ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि विपक्षी दलों की बैठक के बाद ही एक बड़ा खेला होगा. हम क्या-क्या करते हैं ये 23 जून 2023 के बाद देखने को मिलेगा. इसके अलावा मांझी ने भी दावा किया है कि वह कभी भी महागठबंधन दलों के साथ नहीं थे वह सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार के साथ थे. मांझी ने कहा कि हम केवल नीतीश के साथ थे महागठबंधन में रहने या ना रहने के बारे में जो भी कुछ बोले या कुछ कहता है वह फालतू है.
ललन सिंह पर बोला हमला
वहीं, ललन सिंह के उस बयान जिसमें उन्होंने 'छोटी दुकान का क्या फायदा' कहा था पर अपनी अप्रचिक्रिया देते हुए मांझी ने कहा कि हम उनका बहुत सम्मान करते हैं. उनका क्या इरादा है इससे हमें कोई भी मतलब नहीं है लेकिन लोग ललन सिंह जी को माफ नहीं करेंगे. ललन सिंह और जेडीयू खरीद फरोख्त में विश्वास करते हैं. उन्होंने तो शुरू से ये सब किया लेकिन हमने कभी भी इन बातों का समर्थन नहीं किया है. हमा आम जनता के हित के लिए काम करते हैं. चाहे मैं मुख्यमंत्री रहा, विधायक रहा हमने सिर्फ आमजन के लिए ही काम किया है. पानी सिर से ऊपर चढ़ गया था इसलिए अलग होने का निर्णय लेना पड़ा.
ये भी पढ़ें-Bihar Politics: नीतीश के अपने छोड़ रहे साथ, कैसे मजबूत होगी विपक्षी एकता ?
जनता ने दी इजाजत
जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि मैं जहां भी गया जनता ने हमको इजाजत दिया कि अब आपको सीएम नीतीश का साथ छोड़ना चाहिए. जनका की इजाजत के बाद हमने सीएम नीतीश का साथ छोड़ा है. हमने जनता के ही कहने पर मर्ज करने को लेकर जो प्रस्ताव आया था उसका विरोध किया था। हमने शुरू से ही तय कर लिया है कि हमारी पार्टी किसी भी पार्टी में अपना विलय नहीं करेगी. हमारी पार्टी स्वतंत्र तरीके से काम करेगी. उसके बाद से ही वो लोग दवाब बनाने लगे और संतोष सुमन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
8 बार पाला बदल चुके हैं मांझी
वैसे आपको बता दें कि जीतन राम मांझी पहली बार नहीं बल्कि इससे पहले भी 8 बार पाला बदल चुके हैं. मांझी का सियासी करियर लगभग 43 साल का है लेकिन 43 साल में वह अब नौवीं बार पाला बदलने की तैयारी में हैं. हालांकि, ये नहीं पता है कि मांझी किध जाएंगे लेकिन उन्होंने ये जरूर कहा है कि 23 जून 2023 को वह कुछ बड़ा निर्णय लेने वाले हैं. अब इंतजार 23 जून 2023 का है और सियासी मंडितों की निगाहें जीतन राम मांझी के निर्णय पर रहेगी.
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