कोरोना संकट के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिजनों के लिए एक राहत भरी खबर आई है. झारखंड सरकार सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले पर विचार कर रही है जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए जेल में कैदियों को कम करने का निर्देश दिया है.
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने इस बात की पुष्टि भी की है. उन्होंने मीडिया को बताया, "सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ वार्ता हुई है, जिसमें जेल में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का निर्देश दिया गया है."
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चारा घोटाले के कई मामलों में सजा काट रहे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के विषय में पूछने पर उन्होंने स्पष्ट तो ज्यादा कुछ नहीं कहा लेकिन इतना जरूर कहा, "लालू प्रसाद हम सभी के सम्मानित नेता हैं. सर्वोच्च न्यायालय के गाईडलाइंस पर उन्हें पैरोल मिलना ही चाहिए. राज्य भर के वैसे सभी कैदियों का भी ध्यान रखा जाएगा. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सरकार गंभीर है."
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने देशभर की जेलों में कैदियों की संख्या को कम करने के लिए राज्यों से उन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने के लिए विचार करने को कहा है जो अधिकतम 7 साल की सजा काट रहे हैं. लालू प्रसाद चरा घोटाले के कई मामले में होटवार जेल में सजा काट रहे हैं. फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से वे रिम्स के पेईंग वॉर्ड में भर्ती हैं.
Source : News State