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झारखंड: हत्यारे पति को 6 साल बाद आजीवन कारावास, बेटे को मिली 7 साल की कैद

पिता के साथ मिलकर मां के शव को दफनाने वाले बेटे को कोर्ट ने 7 साल कैद की सजा सुनायी है, कोर्ट ने पिता और पुत्र को कुल मिलाकर 27 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है

Updated on: 01 Oct 2019, 07:05 PM

दुमका:

अवैध संबंध के शक में पत्नी की हत्या कर घर के पीछे उसके शव को दफना देने के 6 साल पुराने मामले में दुमका के द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन कुमार की अदालत ने पति को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. पिता के साथ मिलकर मां के शव को दफनाने वाले बेटे को कोर्ट ने 7 साल कैद की सजा सुनायी है. कोर्ट ने पिता और पुत्र को कुल मिलाकर 27 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. हत्या के दो माह बाद 22 जुलाई 2013 को मजिस्टेट के देखरेख में रामगढ़ थाना पुलिस ने भालसुमर पंचायत अंर्तगत पथरिया जोबेटोला गांव से 45 वर्षीय तालको सोरेन नामक महिला का कंकाल बरामद करते हुए हत्या के इस सनसनीखेज मामले का खुलाशा किया था.

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कोर्ट ने मृतका के पति मिस्त्री हांसदा को हत्या के मामले में सश्रम आजीवन कारावास और 25000 रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है, जबकि साक्ष्य छुपाने के मामले में 7 साल के कठोर कारावास की सजा भी सुनायी है. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर उसे डेढ़ साल का अतिरिक्त कारवासा भुगतना होगा. इसी मामले में बेटे जीतलाल हांसदा को कोर्ट ने साक्ष्य मिटाने का दोषी करार देते हुए 7 साल का कठोर कारवास और 1000 रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर उसे छह माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

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अभियुक्तों की निशानदेही पर मिस्त्री हांसदा के घर के पीछे स्थित गोबर के गड्ढे से महिला का सड़ा गला कंकाल बरामद किया गया था. जिसकी पहचान तालको सोरेन के रूप में की गयी थी. पुलिस ने कंकाल के साथ खून से सने कपडे, चप्पल तथा खून लगा कचिया भी गड्ढे से बरामद किया था. रामगढ़ थाना में मृतका के पति मिस्त्री हांसदा तथा उसके पुत्र जीतलाल हांसदा के खिलाफ भादवि की धारा 302, 201, 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. 

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प्राथमिकी के अनुसार पथरिया गांव के मिस्त्री हांसदा ने कंकाल बरामद होने के लगभग दो माह पूर्व एक रात अपनी पत्नी तालको सोरेन की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी. हत्या के बाद दूसरे घर मे सोये अपने बेटे जीतलाल हांसदा एवं बहु को बुलाया तथा कहा कि दो लोगों ने उसकी मां की हत्या कर शव को यहां फेक दिया है. यदि शव को छिपाया नहीं गया तो हत्या के मामले में वे तीनों फंस जाएगें. अगले दिन शव को घर में ही छिपा कर रखा गया और फिर रात में घर के पीछे बने गोबर के गड्डे में शव को दफन कर हत्याकांड पर पर्दा डाल दिया गया. तालको को नहीं देख जब ग्रामीण मिस्त्री हांसदा से उसके बारे में पूछते तो वह पत्नी के कहीं चले जाने की कहानी सुना दिया करता था.

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तालको सोरेन की बड़ी बहन बिटी सोरेन की ससुराल भी पथरिया जोबे टोला में ही है. जब उसने लंबे समय से अपनी बहन को नहीं देखा तो आसपास के रिश्तेदारों मे उसकी खोज की पर कुछ पता नहीं चला. उसे कुछ शक हुआ तो उसने भगिना जीतलाल सोरेन से कड़ाई से पूछताछ की. जीतलाल ने बताया कि उसकी मां अब इस धरती पर नहीं है, बल्कि वह धरती के नीचे चली गई. बिटि सोरेन ने रामगढ़ थाना पहुंचकर बहन के हत्या की आशंका जताते हुए शिकायत की. पुलिस ने तालको सोरेन के पति मिस्त्री हांसदा तथा पुत्र जीतलाल हांसदा को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ किया, तो दोनों टूट गये और सामने आयी शक में पत्नी की हत्या करने और शव को ठिकाने लगाने में पुत्र के मदद करने की कहानी.

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मिस्त्री हांसदा को लंबे समय से अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था. उसका कहना था कि बेटे और बेटी की शादी हो जाने के बाद भी जब उसकी पत्नी नहीं सुधरी तो अंततः उसने उसे मार डाला जिसका उसे कोई अफशोस नहीं है. उसका मानना था कि उसकी पत्नी का एक-दो नहीं बल्कि कई पुरुषों से संबंध था. तालको सोरेन शराब बना कर उसे हाट में बेचा करती थी और पति को लगता था कि उसका ग्राहकों के साथ संबंध है. इस केश में अभियोजन की ओर से एपीपी सुरेन्द्र प्रसाद सिन्हा और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता केएन गोस्वामी ने केश की पैरवी की. पैरवी पदाधिकारी एएसआई बीरेन्द्र प्रसाद थे.