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झारखंड में ब्लैक फंगस महामारी घोषित, CMO ने किया ऐलान

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमेंत सोरेन ने आज मंगलवार को अहम घोषणा करते हुए ब्लैक फंगस को राज्य में महामारी घोषित कर दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय ने आज ये जानकारी दी.

Updated on: 15 Jun 2021, 09:46 PM

highlights

  • सीएम हेमंत सोरेन का बड़ा ऐलान, राज्य 
  • झारखंड में Black Fungus महामारी घोषित
  • ब्लैक फंगस के पांच मरीज की मौत, चार नए मिले

रांची:

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमेंत सोरेन ने आज मंगलवार को अहम घोषणा करते हुए ब्लैक फंगस को राज्य में महामारी घोषित कर दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय ने आज ये जानकारी दी. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की उस अपील के करीब एक महीना बाद ये घोषणा की जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने के लिए कहा गया. केन्द्र सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों की त्वरित पहचान कर उनके उपचार के लिए चेक लिस्ट जारी की है. इसके तहत जिस किसी अस्पताल में कोविड मरीजों का उपचार किया जाता है वहां कोविड मरीजों के साथ साथ ब्लैक फंगस के संदिग्ध मरीजों की नियमित रूप से गहन जांच का आदेश दिया गया है.

राज्य के 18 जिलों तक ब्लैक फंगस का प्रसार हो चुका है. इनमें सात जिले रांची, रामगढ़, पलामू, हजारीबाग, गिरिडीह, गढ़वा और पूर्वी सिंहभूम जहां रेड जोन में आ गए हैं, वहीं पांच जिले बोकारो, चतरा, धनबाद, गोड्डा और कोडरमा येलो जोन में हैं. दूसरी तरफ छह जिले देवघर दुमका, गुमला, जामतारा, लातेहार व साहेबगंज ग्रीन जोन में हैं. रेड जोन में मरीजों की संख्या 5 से अधिक है, वहीं येलोजोन में 3 से 5, जबकि ग्रीन जोन में 3 से कम मरीज हैं. स्वास्थ्य विभाग के वरीय आईईसी प्रभारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि चेक लिस्ट में ब्लैक फंगस के लक्षण लगातार बुखार, सिरदर्द, नाक जाम, नाक का बहना, चेहरे में सूजन व दर्द, चेहरे के स्किन का रंग बदलना, दांत में ठीलापन, आंखों में सूजन/लाली/डबल विजन/दर्द/कम दिखना/पलक ज्यादा झपकना बताया गया है.

अस्पतालों को हिदायत दी गयी है कि वे मरीजों को इसके बारे मे बतायें. इसके बारे में डिस्चार्ज स्लिप पर अंकित करें ताकि ऐसा लक्षण होने पर वे इसकी जानकारी दे सकें. साथ ही मरीजों को सफाई पर ध्यान देने, साफ मास्क का उपयोग करने की हिदायत दी गयी है. इसके साथ ही मरीजों के रिस्क फैक्टर की भी जानकारी लेने का निर्देश भी दिया गया है. इसके तहत मरीज के डायिबिटीज की मॉनीटरिंग, स्टेरायड थेरेपी, को मॉर्बिडिटी की भी जानकारी लेने को कहा गया है.