बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी और प्रदेश के मंत्री संजय कुमार झा ने बिहार विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून (सीसीए) पर नीतीश के बयान के बाद इस पर पुनर्विचार की अटकलों को निराधार बताते सोमवार को कहा कि जदयू ने संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को लेकर जो रुख अख्तियार किया था, उस पर वह कायम है. बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने मीडिया के एक वर्ग की रिपोर्ट पर नाराजगी जताई जिसमें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के सोमवार को सदन में दिये भाषण में सीसीए का विरोध करते हुए उसे लेकर पार्टी के रुख पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार होने की बात कही गयी है.
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संजय कुमार झा ने कहा, 'यह गलत व्याख्या है. मुख्यमंत्री के बोलने के समय हम सभी सदन के भीतर मौजूद थे. हमने लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में कैब का समर्थन किया, जिससे इस विधेयक को एक अधिनियम बनने में मदद मिली. अब यह कानून बन जाने के साथ लागू हो गया है. इसका विरोध करने या पार्टी के रुख पर पुनर्विचार करने का सवाल ही नहीं उठता.' उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए विधेयक के लिए मतदान किया था कि इसमें कोई समस्याग्रस्त प्रावधान नहीं थे. इसका उद्देश्य कुछ लोगों को नागरिकता देना और किसी को भी इससे वंचित नहीं करना है.'
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झा ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री सदन में विपक्ष की सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर चर्चा कराने की मांग का जवाब दे रहे थे. इसका मतलब यह नहीं है कि वह अपने पिछले रुख से पलट रहे हैं. बता दें कि नीतीश ने सोमवार को संसद द्वारा पारित 126 वें संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी देने के लिए बिहार विधानसभा के एकदिवसीय विशेष सत्र के दौरान एनआरसी को लेकर कहा था, 'एनआरसी का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता'. उन्होंने कहा कि केंद्र में राजीव गांधी की सरकार के समय असम के परिप्रेक्ष्य में एनआरसी की बात आई थी. देशव्यापी एनआरसी की कोई बात नहीं थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस विषय पर स्थिति साफ कर दी है इसलिए एनआरसी की कुछ बात ही नहीं है. जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर द्वारा सीसीए को लेकर अपनाए जा रहे कड़े रुख के मद्देनजर नीतीश के पुनर्विचार की बात कहने के कयास लगाए जा रहे थे.
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