logo-image

पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में जदयू को झटका, एबीवीपी को मिला एक पद

जन अधिकार पार्टी की छात्र इकाई के उम्मीदवार मनीष कुमार और अमीर रज़ा क्रमश: अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद के लिए निर्वाचित हुए.

Updated on: 09 Dec 2019, 05:00 AM

पटना:

पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में इस बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू की छात्र इकाई को मायूसी हाथ लगी जबकि आरएसएस से संबंद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को केवल महासचिव पद से ही संतोष करना पड़ा है. पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के पिछले साल के चुनाव में जदयू छात्र इकाई ने अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के पदों पर जीत दर्ज की थी जबकि एबीवीपी की प्रियंका श्रीवास्तव ने महासचिव का पद हासिल किया था.

ये भी पढ़ें- IND vs WI, 2nd T20: वेस्टइंडीज ने भारत को 8 विकेट से हराया, यहां पढ़ें Full Match Report

पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के रविवार को जारी परिणाम में प्रियंका अपनी सीट बचाने में कामयाब रहीं पर एबीवीपी के उपाध्यक्ष एवं संयुक्त सचिव पद के उम्मीदवारों को हार का समाना करना पड़ा. वामपंथी एआईएसएफ समर्थित मधेपुरा के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी की छात्र इकाई के उम्मीदवार मनीष कुमार और अमीर रज़ा क्रमश: अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद के लिए निर्वाचित हुए.

ये भी पढ़ें- WBBL: एडिलेड स्ट्राइकर्स को हराकर ब्रिस्बेन हीट बना चैंपियन, लगातार दूसरी बार जीता खिताब

इस चुनाव में एआईएसएफ की कोमल कुमारी कोषाध्यक्ष और लालू प्रसाद की पार्टी राजद की छात्र इकाई के उम्मीदवार निशांत कुमार उपाध्यक्ष पद पर विजयी हुए. इस साल हुए लोकसभा चुनावों में हार झेलने वाले पप्पू यादव ने अपने उम्मीदवारों की जीत पर खुशी जताई और अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर टिप्पणी की, “यह सिर्फ एक जीत नहीं है बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी है. हम गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को अपनी सफलता समर्पित करते हैं.''

ये भी पढ़ें- टेबल टेनिस: मानव ठक्कर ने जीता नॉर्थ अमेरिकन ओपन खिताब, रचा इतिहास

सिंह, जो लंबे समय से मानसिक बीमारी से ग्रस्त थे, ने पिछले महीने इस बीमारी से लड़ते हुए दम तोड़ दिया था. वह पटना विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र थे. भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने एबीवीपी के खराब प्रदर्शन को अपनी पार्टी से जोड़े जाने पर ट्वीट कर कहा, ''अन्य राजनीतिक दलों की तरह एबीवीपी भाजपा का छात्र संगठन नहीं है, लेकिन हम वैचारिक रूप से एक-दूसरे के साथ हैं. पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव लंबे अंतराल के बाद निरंतरता में आया है. पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ परिसर की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को बधाई.''

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट खेलना चाहता है पाकिस्तान, BCB को भेजा प्रस्ताव

पिछले साल छात्र जदयू के उम्मीदवारों की जीत के बाद मुख्यमंत्री की पार्टी और उनके सहयोगी दल भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चला था पर बाद में दोनों दलों ने चुनाव परिणाम को लेकर चुप्पी साध ली थी. पिछले साल राजनीति रणनीतिकार से राजनेता बने जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के चुनाव से ठीक पहले पटना विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यालय का दौरा किये जाने पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था और एबीवीपी समर्थकों ने उनके वाहन पर पथराव कर दिया था तथा उनपर छात्रसंघ चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था.