नीतीश कुमार के बयान के बाद JDU के बागी नेताओं में मची खलबली!

बिहार (Bihar) में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, मगर ठंड के मौसम में सूबे का सियासी पारा चढ़ा हुआ है.

बिहार (Bihar) में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, मगर ठंड के मौसम में सूबे का सियासी पारा चढ़ा हुआ है.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
नीतीश कुमार के बयान के बाद JDU के बागी नेताओं में मची खलबली!

नीतीश कुमार के बयान के बाद JDU के बागी नेताओं में मची खलबली!( Photo Credit : फाइल फोटो)

बिहार (Bihar) में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, मगर ठंड के मौसम में सूबे का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. पिछले दो महीनों से लगातार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे रहे पवन वर्मा (Pawan Verma) समेत कई बागी नेताओं को बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने सख्त लहजे में कहा है कि अगर किसी के मन में कोई बात है तो उन्हें आकर के विमर्श करना चाहिए. बातचीत करनी चाहिए और बैठकों में अपनी बातों को रखना चाहिए. नीतीश कुमार ने कहा कि इस तरह से बयानबाजी करना आश्चर्य की बात है.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः पवन वर्मा के पत्र पर वशिष्ठ नारायण सिंह ने जताया ऐतराज, कार्रवाई के संकेत

दरअसल, पवन वर्मा की चिट्ठी पर जब पत्रकारों ने नीतीश कुमार से पूछा तो सीएम ने कहा कि अगर वह (पवन वर्मा) किसी दूसरी पार्टी में जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं. उन्होंने कहा, 'यह उनका निर्णय है. जहां जाना है वहां जाएं. हमें इससे कोई एतराज नहीं है.' इसके साथ ही नीतीश कुमार ने बागी नेताओं को जवाब देते हुए कहा, 'कुछ लोगों के बयान से जदयू को मत देखिए. पार्टी बहुत ही दृढता के साथ अपना काम करती है. कुछ चीजों पर हमारा जो स्टैंड होता है वो बिल्कुल साफ होता है. किसी भी चीज के बारे में हम लोग कंफ्यूजन में नहीं रहते हैं.'

नीतीश कुमार के इस बयान ने न सिर्फ पवन वर्मा पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं, बल्कि प्रशांत किशोर के साथ-साथ बगावती तेवर दिखाने वाले नेताओं में खलबली मचा दी है. उनके बयान को सभी बागी नेताओं के लिए एक चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है. लिहाजा तय माना जा रहा है कि विधानसभा के चुनाव से पहले नीतीश कुमार इन बागियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं. पार्टी सांसद और जदयू के बिहार अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह भी ऐसे नेताओं पर कार्रवाई के संकेत दे चुके हैं.

यह भी पढ़ेंः बिहार: कोसी में होगी 'ग्रीन गोल्ड' की खेती, बढ़ेगी किसानों की आय

गौरतलब है कि पवन वर्मा और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कुछ दिनों से पार्टी लाइन से अलग रास्ता अपनाया हुआ है. वो मोदी सरकार के साथ-साथ कई बार अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं. एनआरसी और सीएए के मुद्दे पर भी दोनों नेताओं ने पार्टी पर सवाल उठाए थे. बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार फिलहाल बीजेपी के समर्थन से चल रही है.

Nitish Kumar Bihar JDU prashant kishor
      
Advertisment