CAA-NRC पर JDU में बगावती स्वर तेज, पवन वर्मा ने नीतीश को लिखा पत्र
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) को लेकर बिहार की सत्ताधारी जेडीयू के अंदर विरोध के स्वर तेज हो उठे हैं.
पटना:
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) को लेकर बिहार की सत्ताधारी जेडीयू के अंदर विरोध के स्वर तेज हो उठे हैं. प्रशांत किशोर के बाद अब जेडीयू नेता पवन वर्मा ने एक बार फिर सार्वजनिक तौर पर सीएए और एनआरसी का विरोध किया है और इसे हिंदुओं और मुसलमानों को विभाजित करने और सामाजिक अस्थिरता पैदा करने का सीधा प्रयास बताया है. इस संबंध में पवन वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है.
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जेडीयू नेता पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को लिखे पत्र में कहा, 'सीएए-एनआरसी गठबंधन हिंदुओं और मुसलमानों को विभाजित करने और सामाजिक अस्थिरता पैदा करने का सीधा प्रयास है. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि सीएए-एनपीआर-एनआरसी योजना के खिलाफ एक स्टैंड लें और भारत को विभाजित करने के अपने नापाक एजेंडे को खारिज करें.'
Pavan K Varma,JD(U) in a letter to Bihar CM Nitish Kumar: CAA-NRC combine is a direct attempt to divide Hindus and Muslims, and create social instability. I request you to take a stand against CAA-NPR-NRC scheme and reject its nefarious agenda to divide India. pic.twitter.com/1ufAX7N12D
— ANI (@ANI) January 5, 2020
इससे पहले भी पवन वर्मा ने संसद में इस कानून के पार्टी के समर्थन किए जाने का विरोध किया था और पार्टी के इस फैसले को निराशाजनक बताया था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, 'मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर समर्थन पर दोबारा विचार करें. यह विधेयक पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश की एकता के खिलाफ है. यह विधेयक जदयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं. अगर आज गांधी जी होते तो इसका विरोध करते.'
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बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार के नजदीकी माने जाने वाले प्रशांत किशोर ने भी एनआरसी और सीएए का जमकर विरोध किया है. वो कई बार अपनी पार्टी के फैसले के खिलाफ बयान दे चुके हैं. गुलाम रसूल बलियावी भी इस पर अपना विरोध जता चुके हैं. गौरतलब है कि बिहार में बीजेपी के सहयोग से सरकार चला रही जेडीयू ने संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया था.