logo-image

जदयू अब 'सहयोग राशि संग्रह अभियान' से भरेगी अपना खजाना

राज्य में तीसरे और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में दूसरे नंबर की पार्टी बनने के बाद जदयू (JDU) लगातार अपने कुनबे को बढ़ाने के लिए संगठनात्मक कार्यों में जुटी है.

Updated on: 01 Jul 2021, 12:26 PM

highlights

  • जदयू 'सहयोग राशि संग्रह अभियान' से अर्थतंत्र को मजबूत करेगी
  • इस दौरान जदयू के 52 लाख सदस्यों से संपर्क किया जाएगा
  • पार्टी की योजना सभी जिले में कार्यालय भवन बनवाने की है

पटना:

बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ सरकार चला रही जनता दल (युनाइटेड) अब 'सहयोग राशि संग्रह अभियान' के जरिए पार्टी के 'अर्थतंत्र' को मजबूत करेगी. राज्य में यह अभियान 16 जुलाई से 31 जुलाई तक चलाने का निर्णय लिया है. पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में राज्य में तीसरे और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में दूसरे नंबर की पार्टी बनने के बाद जदयू (JDU) लगातार अपने कुनबे को बढ़ाने के लिए संगठनात्मक कार्यों में जुटी है. इस बीच अब पार्टी विस्तार के लिए धनसंग्रह भी किया जाना है. जदयू का मानना है कि इस राशि संग्रह से सांगठनिक कार्यो को विस्तार दिया जाएगा तथा साल 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में इसे खर्च किया जा सकेगा.

16 से 31 तक चलेगा अभियान
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने बताया, 'जिलाध्यक्षों की दो दिवसीय हुई बैठक में पार्टी द्वारा 16 से 31 जुलाई तक 'सहयोग राशि संग्रह अभियान' चलाने का निर्णय लिया गया है.' जदयू का मानना है कि पार्टी के मजबूती के लिए अर्थतंत्र मजबूत होना चाहिए. जदयू के एक नेता ने बताया कि सहयोग राशि संग्रह अभियान में जदयू के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों को लगाया जाएगा. कुशवाहा कहते हैं कि पार्टी की योजना सभी जिले में कार्यालय भवन बनवाने की है. उन्होंने कहा कि सहयोग राशि संग्रह अभियान' की पूरी रूपरेखा तय कर ली गई है.

यह भी पढ़ेंः यूरोप के 8 देशों ने दी Covishield को मंजूरी, सरकार की चेतावनी का असर

52 लाख सदस्यों से किया जाएगा संपर्क
इस अभियान के दौरान जदयू के 52 लाख सदस्यों से संपर्क किया जाएगा. पटना स्थित जदयू मुख्यालय में बुधवार को जिलाध्यक्षों की हुई बैठक में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर सी पी सिंह ने कहा, 'जदयू के पास कार्यकतार्ओं का एक बड़ा परिवार है. आने वाले वर्षों में लंबी दूरी तय करने के लिए पार्टी का अर्थतंत्र भी मजबूत होना जरूरी है. हमारे कार्यकर्ता हमारी वास्तविक संपत्ति हैं और वे पार्टी को आर्थिक रूप से भी मकजबूत करेंगे.'