बगहा: 60 वर्षीय जिंदा किसान को बताया मृत, जमीन पर किया कब्जा

बड़ी खबर बगहा एक से है, जहां अंचल कार्यालय से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है.

author-image
Vineeta Kumari
एडिट
New Update
bagha news

60 वर्षीय जिंदा किसान को बताया मृत( Photo Credit : प्रतीकात्मक तस्वीर)

बड़ी खबर बगहा एक से है, जहां अंचल कार्यालय से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. एक 60 वर्षीय किसान को मृत घोषित कर उसके नाम की जमीन को दूसरे व्यक्ति के नाम पर दाखिल खारिज कर दिया गया है. अब किसान महीनों से अपने जीवित होने का प्रमाण लेकर अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहा है. दरअसल, पूरा मामला बगहा एक अंचल के बीबी बनकटवा मौजा की है. जहां मानपुर मठिया गांव निवासी 60 वर्षीय अरविंद प्रसाद को अंचल कार्यालय और स्थानीय हल्का कर्मचारी छठु उरांव के द्वारा मृत घोषित कर उसके नाम से चल रही जमाबंदी से दूसरे व्यक्ति के नाम पर दाखिल खारिज कर दिया गया है.

Advertisment

यह भी पढ़ें- समस्तीपुर: सरकारी स्कूल की मैडम साहिबा का कारनामा, चिलचिलाती धूप में सिर पर किताबें ढोने को मजबूर हुए बच्चे

जिंदा किसान को बताया मुर्दा

जबकि अरविंद प्रसाद अभी जीवित हैं, जो अपनी जिंदा होने का सबूत अंचल कार्यालय से लेकर अनुमंडल कार्यालय तक देने में जुटे हुए हैं. सुशासन की सरकार में एक गरीब किसान को सुनने वाला कोई नहीं है. वहीं, पीड़ित किसान अरविंद प्रसाद की मानें तो राजस्व कर्मचारी छठु उरांव द्वारा अंचल कार्यालय की मिलीभगत से विपक्षी पाटी से मोटी रकम लेकर इस काम को किया गया है. 

भाई ने जमीन पर किया कब्जा

अरबिंद प्रसाद ने बताया कि जब मुझे पता चला कि मेरे दस्तावेजी जमीन को फर्जी तरीके से मेरे ही भाई प्रमोद साह ने अपनी पत्नी के नाम से बेच दिया है, तो उसका दाखिल खारिज रुकवाने के लिए सीओ को आवेदन दिया. जिसका रिसीविंग मेरे पास है. इसके बावजूद हल्का कर्मचारी छठु उरांव और अंचल कार्यालय के अन्य कर्मचारियों से मिलीभगत कर दूसरे पक्ष से मोटी रकम लेकर मुझे मृत घोषित करते हुए गैरकानूनी तरीके से दाखिल खारिज कर दिया गया है. 

दर-दर भटकने को मजबूर किसान

पीड़ित ने कहा कि अब पिछले तीन महीने से दाखिल खारिज को रद्द करने और अपने जिंदा होने का सबूत लेकर अंचल और अनुमंडल कार्यालय का चक्कर काट रहा हूं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. वहीं, इस मामले में अंचलाधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि पीड़ित द्वारा अंचल कार्यालय में आवेदन देने के बावजूद भी कैसे इस मामले को अनदेखा कर दिया गया. पीड़ित को स्थानीय हल्का कर्मचारी द्वारा मृत घोषित कर उसके जमीन से बेदखल किया गया. अब देखना होगा कि इस पूरे मामले में विभाग, पीड़ित किसान को कितना न्याय दिला पाता है.

HIGHLIGHTS

  • जिंदा किसान को बताया मुर्दा
  • जमीन पर किया कब्जा
  • न्याय के लिए भटक रहा किसान

Source : News State Bihar Jharkhand

hindi news update 60 year farmer bihar local news Jamui Crime News jamui news bihar News bihar Latest news
      
Advertisment