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IRCTC Scam: लालू, राबड़ी, मीसा भारती समेत 16 आरोपियों को कोर्ट ने भेजा समन

एक बार फिर से आईआरसीटीसी घोटाले में आरजेडी चीफ लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत सभी आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

Updated on: 27 Feb 2023, 10:35 PM

highlights

  • IRCTC स्कैम मामले में भेजा गया समन
  • लालू यादव समेत 16 आरोपियों को समन
  • दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने भेजा समन

Delhi:

एक बार फिर से आईआरसीटीसी घोटाले में आरजेडी चीफ लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत सभी आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरअसल, लालू समेत 16 आरोपियों को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने समन भेजकर तलब किया है. सभी को 15 मार्च 2023 को कोर्ट में पेश रहने के निर्देश दिए गए हैं. ये समन नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में भेजा गया है. बता दें कि आईआरसीटीसी स्कैम में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और 2 बेटियां चंदा यादव व रागिनी यादव का नाम भी आरोपियों में शामिल है. इससे पहले फाइल को सीबीआई द्वारा 2021 में बंद कर दी गई थी लेकिन अब सीबीआई ने फिर से फाइल खोल दी है. आज राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा लालू यादव समेत 16 आरोपियों को समन जारी होने के बाद एक बार फर से आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

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क्या है IRCTC घोटाला?

IRCTC Scam में आरजेडी चीफ लालू यादव के अलावा, उनके बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और 2 बेटियां चंदा यादव व रागिनी यादव का नाम आरोपियों में शामिल है. यूपीए के पहले कार्यकाल के दौरान रेलमंत्री रहते हुए लालू यादव ने रेलवे के प्रोजेक्टस के अलॉटमेंट को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. मामले में केस दर्ज किया गया था और सीबीआई मामले की जांच कर रही थी. 2021 में इस फाइल को सीबीआई ने बंद कर दी थी लेकिन हाल के दिनों में एक बार फिर से सीबीआई ने फाइल खोल दी है.

एक नजर में घोटाले की कहानी

  • 2004 से 2009 के बीच लालू यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री हुआ करते थे. आरोप है कि उनके रेल मंत्री रहते हुए घोटाला हुआ था और नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से रिश्वत के रूप में पैसे नहीं बल्कि जमीन व प्लॉट लिए गए थे.
  • CBI द्वारा मामले में जांत के बाद लालू की पुत्री मीसा भारती के खिलाफ भी केस दर्ज किया था.
  • सीबीआई के मुताबिक जो जमीनें ली गईं थी वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम से भी ली गईं थीं.

कैसे हुआ था लेन-देन

ये मामला लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के अलग-अलग प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. आरजेडी सुप्रीमो पर आरोप है कि उन्होंने डीएलएफ ग्रुप की तरफ से साउथ दिल्ली में एक प्रॉपर्टी रिश्वत के तौर पर ली थी. लालू यादव को यह प्रॉपर्टी मुंबई के बांद्रा में रेल लेंडलीज प्रोजेक्ट और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के डेवलपमेंट के तौर पर किए जा रहे प्रोजेक्ट से जोड़ते हुए केंद्र सरकार के तरफ से दिया गया था लेकिन इस प्रॉपर्टी को डीएलएफ की तरफ से फंड की गई सेल कंपनी ने मार्केट रेट से काफी कम कीमत पर खरीदा था और सेल कंपनी पर तेजस्वी यादव की ओर से खरीदे जाने का आरोप है.

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2021 में सीबीआई ने बंद कर दी थी फाइल

बता दें कि सीबीआई ने लालू यादव के खिलाफ एक पुराने मामले की फाइल फिर से खोल दी है. जो फाइल खोली गई है उसे 2021 में सीबीआई द्वारा ही बंद कर दी गई थी. सिंगापुर से अभी हाल ही में लालू यादव अपना इलाज कराकर लौटे हैं.  ये मामला रेलवे प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. सीबीआई ने इस मामले की जांच 2018 में शुरू की थी और मई 2021 में इसे बंद कर दिया गया था लेकिन अब एक बार फिर नए सिरे से लालू के खिलाफ केस खोल दिया गया है. हालांकि, ये आशंका पहले से ही थी कि बीजेपी की सत्ता बिहार से गई है तो लालू यादव के पुराने केस को दुबारा खोला जा सकता है. अब कोर्ट द्वारा समन जारी होने के बाद एक बार फिर से लालू समेत सभी आरोपियों की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही है.